बीजपुर। बीजापुर जिले का दूरस्थ गांव मुदवेंडी, जो कभी माओवाद की छाया में जकड़ा हुआ था, अब सुशासन की रोशनी से जगमगा उठा है। मात्र 45 परिवारों वाले इस छोटे से गांव ने अब पक्की सड़क, शुद्ध पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का स्वाद चखना शुरू कर दिया है। यह सब संभव हुआ है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल और नियद नेल्लानार योजना की बदौलत।
पहले जहां रात होते ही गांव अंधेरे में डूब जाता था, अब बिजली पहुंचने से घरों में रोशनी है, बच्चों की पढ़ाई रुकती नहीं और गांव में सुरक्षा का माहौल बना है। ग्रामीण हुंरा कुंजाम बताते हैं कि अब रात को भी बच्चे पढ़ पा रहे हैं और जंगली जानवरों का खतरा भी काफी कम हो गया है। वर्षों से बंद पड़ा स्कूल फिर से खुल गया है, जिससे बच्चों को अब अपने गांव में ही शिक्षा मिल रही है। गांव के ही लखमा कुंजाम कहते हैं कि बिजली आने से गांव में उत्सव जैसा माहौल है। अब रात में घर के काम भी आसानी से हो जाते हैं और पूरा गांव पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है। नियद नेल्लानार योजना केवल विकास की परियोजना नहीं, बल्कि यह गांवों में विश्वास, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता की नींव रख रही है। इस योजना के तहत माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी प्राथमिकता दी जा रही है।