बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के तुशवाल पंचायत के दो गांवों के 8 परिवारों को नक्सलियों ने गांव से बेदखल कर दिया है। इन परिवारों पर नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने थुलथुली मुठभेड़ के दौरान मुखबिरी की थी। कहा जा रहा है कि नक्सलियों के पूर्वी बस्तर डिविजन की कंपनी 6 की प्रमुख डीवीसी निर्मला के साथ आए 50 से अधिक नक्सलियों ने तीन दिन पहले एक जनअदालत लगाकर इन परिवारों को गांव छोड़ने का आदेश दिया। नक्सलियों ने साफ तौर पर कहा कि अगर ये परिवार वापस आए तो उनकी जान ले ली जाएगी। इसके बाद ये आठ परिवार अब दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
दंतेवाड़ा और बीजापुर बॉर्डर में है गांव
तुशवाल गांव बीजापुर जिले का एक राजस्व ग्राम है और दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा पर स्थित है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि जनअदालत के दिन 50 से 60 नक्सलियों का एक समूह गांव में आया था, जिसमें डीवीसी निर्मला, ललिता, पाकलू, रामधर और राजेश जैसे लोग शामिल थे। पीड़ितों के मुताबिक, उस दिन गांव में खौफ का माहौल था, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं नक्सली उन्हें भी मौत का फरमान न सुनाएं। अब ये परिवार बस्तर जिले के किलेपाल में पनाह लेने का सोच रहे हैं, जहां उनके रिश्तेदार रहते हैं। कुछ परिवार दंतेवाड़ा जिले के पनेड़ा और वाहनपुर में भी शरण ले रहे हैं।
संपत्ति और मवेशी छोड़कर जाने को मजबूर
दक्षिण बस्तर को इस समय अघोषित युद्ध क्षेत्र माना जा रहा है, जहां सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं। वहीं, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में मुखबिरी के शक में कई हत्याएं हो चुकी हैं। तुशवाल पंचायत के इन दो गांवों के लोग भी इस खतरनाक स्थिति से गुजर रहे हैं। कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश कर रही हैं। इन परिवारों की सारी संपत्ति और मवेशी भी गांव में ही छूट गए हैं।