NCP नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या, लॉरेंस गैंग के शामिल होने का शक, 2 गिरफ्तार

मुंबई में NCP (अजित गुट) नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन पर बांद्रा में खेर नगर में अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर तीन बदमाशों ने फायरिंग की थी। सिद्दीकी को Y-कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन घटना के समय उनके साथ कोई कॉन्स्टेबल नहीं था।

सूत्रों के मुताबिक, ऑटो से आए 3 शूटर्स ने दो बंदूकों से 6 राउंड फायरिंग की। इनमें बाबा को 3 गोलियां लगीं। 2 गोलियां उनके पेट और 1 सीने पर लगी। तीनों ने मुंह पर रूमाल बांधा हुआ था। 3 में से 2 शूटर्स गिरफ्तार हो गए हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे पिछले दो महीने से बाबा के घर और बेटे के ऑफिस की रेकी कर रहे थे।

घटना के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस गैंग के शामिल होने की आशंका है। लॉरेंस गैंग का नाम सामने आने के बाद एक्टर सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। पुलिस की एक अतिरिक्त टीम तैनात की गई है। लॉरेंस गैंग ने सलमान के घर के बाहर 14 अप्रैल को फायरिंग कराई थी।

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शायद कोई वर्चस्व दिखाना चाहता था

मशहूर वकील उज्ज्वल निकम ने कहा, ‘मुंबई में कल रात बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमें NCP नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुंबई में कई सालों से कोई पॉलिटिकल मर्डर नहीं हुआ था। इसमें ये सवाल उठता है कि ये मर्डर क्यों हुआ और किसने करवाया? दो संदिग्धों को लोगों ने घटनास्थल से पकड़ा और तीसरा भाग गया।

10-15 दिन पहले बाबा सिद्दीकी को धमकी मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी थी। हालांकि, मैं ये नहीं कह सकता कि इस धमकी का हत्या से कोई कनेक्शन है। धमकी का मकसद ये था कि कोई अपना वर्चस्व दिखाना चाहता था।

मुझे विश्वास है कि मुंबई क्राइम ब्रांच इसका पता लेगी। हालांकि, ये नहीं लगता कि राज्य की मशीनरी का कोई फेल्योर हुआ, क्योंकि पुलिस ने उन्हें सिक्योरिटी दी हुई थी। कल दशहरा था, इसके चलते घटनास्थल पर भीड़ थी। हो सकता है कि इसके चलते हमलावरों ने कुछ देर इंतजार किया हो।’

पंजाब की जेल में लॉरेंस गैंग के मेंबर से मिले थे आरोपी

सूत्रों के मुताबिक, चार लोगों को सिद्दीकी की हत्या की सुपारी मिली थी। सभी 2 सितंबर से कुर्ला में 14 हजार रुपए देकर किराए के कमरे में रुके थे। चौथा शख्स हत्या की प्लानिंग और रेकी में शामिल था। वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।

चारों को हत्या करने से पहले 50-50 हजार रुपए भी मिल गए थे। गुरमैल और धर्मराज के अलावा फायरिंग में शामिल तीसरा आरोपी पंजाब की जेल में एक-दूसरे से मिले थे। तीनों वहां पहले से जेल में बंद लॉरेंस गैंग के एक सदस्य के संपर्क में आए।

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