कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान लापरवाही बरतने पर निर्वाचन आयोग ने आठ बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मतदाताओं के घर-घर जाकर प्रपत्र (फॉर्म) बांटने के बजाय चाय की दुकानों, स्थानीय क्लबों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर फॉर्म वितरित किए। आयोग ने इसे नियमों का उल्लंघन माना है और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार, आयोग ने इस अभियान के दौरान प्रक्रियाओं के सख्त पालन को सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने बंगाल प्रशासन को ‘बिहार मॉडल’ अपनाने का निर्देश दिया है, जिसमें बीएलओ को मतदाताओं के घर जाकर सीधे फॉर्म वितरित और एकत्र करने की जिम्मेदारी होती है।
इसके अलावा, एसआईआर प्रक्रिया के तहत अब मतदाता परिचय पत्र के साथ मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी का लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिना लिंक किए गए मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी वाले मतदाताओं के ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।
चुनाव आयोग ने कहा कि घर-घर जाकर फॉर्म बांटने की बजाय सार्वजनिक स्थानों पर फॉर्म बांटने की प्रथा पारदर्शिता और सटीकता को प्रभावित करती है। इसलिए ऐसे मामलों में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। आयोग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में भी इस तरह की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

