छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में लोकल पर्चेस के नाम पर गड़बड़ियां सामने आती रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबद्ध अस्पतालों में स्थानीय स्तर पर दवा उपकरण आदि खरीदे जा रहे थे। इनमें से अधिकांश में गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी की शिकायतें सामने आ रही थीं। ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकारी दवा क्रेता और उपकरण कंपनी सीजीएमएससी ने पहली बार एनओसी के सिस्टम में बदलाव का फैसला किया है। इससे तहत अब अस्पतालों को लोकल पर्चेस के लिए दिया जाने वाला अनापत्ति प्रमाण पत्र ऑफलाइन मोड पर मिलेगा।
दरअसल, पहले अस्पताल, सीएचएमओ कार्यालय या अन्य शासकीय स्वास्थ्य संस्थाएं ऑफलाइन मोड पर अनापत्ति सर्टिफिकेट ले लेती थीं। इसके लिए वो सीजीएमएससी के दवा स्टोरों में ऑफलाइन रिकॉर्ड देखकर जीरो स्टॉक के आधार पर एनओसी सर्टिफिकेट हासिल कर लेते थे।
जबकि किसी न किसी स्टोर में ये दवा स्टॉक में रहती थी। स्थानीय स्तर पर ली गई इन दवाओं में अक्सर गुणवत्ता की कमी शिकायत आती थी। क्योंकि दवाओं की सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के आधार पर क्वालिटी चैक नहीं हो पाता था। इससे लाखों करोड़ों की दवाएं आगे चलकर बर्बाद भी हो रही थी।
48 घंटे के अंदर मिलेगी अब एनओसी
नए सिस्टम के मुताबिक अब किसी भी सरकारी संस्था अस्पताल को लोकल पर्चेस के लिए सीजीएमएससी एमडी कार्यालय से ऑफलाइन अनुमति लेनी होगी। सीजीएमएससी के दफ्तर में एनओसी का आवेदन आने के बाद यहां अफसर जिलों के हर स्टोर में मांगी गई दवाओं की उपलब्धता को चेक करेंगे। अगर किसी भी जिले के स्टोर में उस दवा का स्टॉक होगा तो वहां से सीधे संबंधित अस्पताल या संस्था को दवा उपलब्ध करवा दी जाएगी। वहीं अगर दवा उपलब्ध नहीं रही तो ऐसी सूरत में स्थानीय खरीद के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र 48 घंटे में मिलेगा।