फोन टैपिंग: अब आईजी स्तर के अधिकारी की मंजूरी पर ही मॉनीटरिंग

केंद्र सरकार ने फोन टैपिंग करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये मुख्य रूप से गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों के बीच जिम्मेदारियों को स्पष्ट करते हैं। अब आपातकालीन स्थितियों में राज्य स्तर पर पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारियों को टैपिंग के आदेश जारी करने की अनुमति दी गई है।

यदि सक्षम प्राधिकारी इस आदेश की पुष्टि नहीं करते हैं तो इंटरसेप्ट यानी टैप किए गए संदेशों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। साथ ही दो कार्यदिवसों में इसे नष्ट किया जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि केंद्र के मामले में गृह सचिव और राज्य के मामले में संबंधित राज्य सचिव आदेश की पुष्टि करेंगे। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आदेशों की जांच के लिए समीक्षा समितियां स्थापित की गई हैं।

अवैध निगरानी पर लगे नियंत्रण

केंद्र सरकार द्वारा जारी इन दिशा- निर्देशों का लक्ष्य फोन टैपिंग की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। इससे अवैध निगरानी पर रोक लगाई जा सकेगी और नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। आपको बता दे, कि कई बार पुलिस महकमें में पदस्थ अफसर निजी इस्तेमालों के लिए विभागीय संपत्ति का इस्तेमाल करते है। इस स्थिति में कई बार अफसरों पर कार्रवाई हो जाती है और विभाग भी बदनाम होता है। विभागीय बदनामी ना हो और शासकीय उपकरणों का सही इस्तेमाल हो इसलिए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है।

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