ओडिशा स्टूडेंट डेथ केस: 71 छात्रों ने की थी अपराजिता को सस्पेंड करने की मांग, सियासी दबाव का भी आरोप

Odisha student death case: 71 students had demanded suspension of Aparajita, allegations of political pressure also

भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन कॉलेज में छात्रा अपराजिता (20) की आत्महत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जुलाई को कॉलेज मैनेजमेंट को 71 छात्रों ने एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपराजिता को सस्पेंड करने की मांग की थी। आरोप है कि ये छात्र बीएड विभाग के HOD प्रो. समीर कुमार साहू के प्रभाव में थे। उन्होंने अपराजिता के यौन उत्पीड़न के आरोपों को झूठा बताया था और उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई की मांग की थी।

अपराजिता की दोस्त ने दावा किया कि बीजेडी और कांग्रेस की छात्र इकाइयों ने भी उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था। 12 जुलाई को अपराजिता ने कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगा ली थी। इलाज के दौरान 14 जुलाई की रात उसकी मौत हो गई।

इस गंभीर मामले की जांच के लिए UGC की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बालासोर पहुंची है। वहीं, ओडिशा सरकार की उच्चस्तरीय जांच समिति भी कॉलेज का निरीक्षण कर रही है। अपराजिता के पिता ने इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।

आरोपी HOD समीर साहू को 12 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। CBI की टीम ने मृतका के गांव पहुंचकर परिवार से मुलाकात की और घटनास्थल के आस-पास के CCTV फुटेज जुटाए हैं। अपराजिता को बचाने की कोशिश में झुलसे छात्र ज्योतिप्रकाश बिस्वाल का भी बयान दर्ज किया गया। यह मामला अब एक संवेदनशील छात्र-अधिकार और लैंगिक न्याय का मुद्दा बन चुका है।

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