दिल्ली। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए ‘एक देश, एक चुनाव’ का संविधान (129वां संशोधन) विधेयक मंगलवार को संसद में पेश होने वाला है। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विधेयक पेश करेंगे। इसके बाद वह लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति को संदर्भित करने का निवेदन करेंगे। समिति का गठन विभिन्न पार्टियों के सांसदों की संख्या के आधार पर आनुपातिक रूप से किया जाएगा।
राजनेताओं के अनुसार विधेयक में उस स्थिति के लिए भी प्रविधान है जब संसदीय चुनावों के साथ किसी विधानसभा के चुनाव न हो पाएं। विधेयक की धारा-दो की उपधारा-पांच के अनुसार, ‘अगर चुनाव आयोग को लगता है कि किसी विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ नहीं कराए जा सकते हैं तो वह राष्ट्रपति से एक आदेश जारी करने का अनुरोध कर सकता है कि उक्त विधानसभा के चुनाव बाद की तिथि पर कराए जा सकते हैं।’
इन अनुच्छेद में किए जा सकते हैं संशोधन
विधेयक के जरिये संविधान में अनुच्छेद-82ए (लोकसभा एवं विधानसभाओं के एकसाथ चुनाव) को जोड़ा जाएगा। जबकि अनुच्छेद-83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद-172 (राज्य विधानसभाओं की अवधि) और अनुच्छेद-327 (विधायिकाओं के चुनाव से जुड़े प्रविधान करने की संसद की शक्ति) में संशोधन किए जाएंगे।