बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लॉक में प्रस्तावित IMAEC स्टील एंड पावर लिमिटेड प्लांट को लेकर स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा बुधवार को जनसुनवाई के दौरान फूट पड़ा। 19 नवंबर को आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की और पानी, प्रदूषण तथा सड़क समस्या को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया। हंगामे के बीच पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया, जबकि पर्यावरण विभाग ने विरोध के बावजूद जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी कर ली।
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने 3 नवंबर को पर्यावरण प्रदूषण मंडल को आवेदन देकर जनसुनवाई स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन विभाग ने उनकी आपत्ति को नज़रअंदाज़ कर प्रक्रिया आगे बढ़ा दी। लोगों का कहना है कि पहले से ही पास के ग्राम बेलमुंडी में संचालित कोलवाशरी से उन्हें भारी प्रदूषण झेलना पड़ रहा है। कोयले की धूल से बीमारियों में बढ़ोतरी हुई है, सड़कें जर्जर हैं और कंपनी द्वारा CSR के तहत वादे किए गए विकास कार्य भी नहीं हुए।
ग्रामीणों के मुताबिक अब स्टील प्लांट लगने से हालात और भयावह होंगे। कंपनी ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि वह घोघा और मनियारी नदी से पानी लेगी, जबकि गर्मियों में ये नदियाँ 80% तक सूख जाती हैं। ऐसे में लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा। किसानों का कहना है कि मौजूदा उद्योग भी उनका मुआवजा नहीं देते तो नया प्लांट और समस्याएँ खड़ी करेगा।
हंगामे के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन समर्थन जुटाने के लिए बाहरी लोगों को वाहनों में भरकर जनसुनवाई स्थल पर लाया था। वहीं, विरोध करते ग्रामीणों को पुलिस ने थाने ले जाकर जनसुनवाई खत्म होने के बाद छोड़ दिया। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आपत्तियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और तेज किया जाएगा।

