छत्तीसगढ़ में 14 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी में इस वर्ष राज्य सरकार 25,75,804 किसानों से धान खरीदी करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में किसानों की संख्या में जहां लगभग एक लाख की बढ़ोतरी हुई है। वहीं रकबा में भी करीब दो लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी की गई है और रकबा भी बढ़कर 32,50,123.917 हेक्टेयर हो गया है।
धान खरीदी का कार्य 31 जनवरी 2025 तक किया जाना है,इसके लिए 31 अक्टूबर तक एकीकृत किसान पोर्टल में किसानों का पंजीयन किया गया। प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों में इलेक्ट्रानिक तुलाई मशीन का उपयोग होगा। इसके साथ ही इस वर्ष किसानों को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाएगी।
कृषि विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार धान के लिए पंजीयन में कैरी फारवर्ड पंजीयन संख्या 25,27,301 है तथा नए पंजीकृत 38,793 और संस्थागत पंजीयन 142 है। इसी प्रकार सुंगधित धान के लिए पंजीयन 9,190 तथा नए पंजीकृत 60 है। वहीं अन्य फोर्टिफाइड धान के लिए कैरी फारवर्ड पंजीयन 316 व नए पंजीयन दो है। अधिकारियों का कहना है कि धान खरीदी की सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।
भेजे जाएंगे मैसेज
धान खरीदी की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। साथ ही अगले कुछ दिनों में किसानों को मोबाइल से मैसेज भेजने का काम भी शुरू होगा। इसमें बताया जाएगा कि किसानों को किस तारीख को अपना धान बेचना है। सभी धान खरीदी केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीन का उपयोग होगा और 30 हजार गठान बारदाने की खरीदी की गई है।
160 लाख मीट्रिक टन धान की होगी खरीदी
प्रदेश में करीब 37.46 लाख किसान परिवार है,इनमें से 80 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान है। प्रदेश में धान, सोयाबीन, उड़द और अरहर मुख्य खरीफ फसलें है। पिछल वित्तीय वर्ष में रिकार्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।
31 मार्च तक होगा उठाव
धान खरीदी के साथ ही धान का उठाव भी किया जाएगा। 31 मार्च तक धान का उठाव अनिवार्य किया जाना है। किसानों के लिए धान उपार्जन केंद्रों में बैठक, पेयजल, कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था रहेगी।