पहलगाम हमला: आतंकियों ने ऑनलाइन खरीदे मोबाइल चार्जर, पुलिस ने खरीदने-बेचने वालों तक बनाई पहुंच

पहलगाम हमला: आतंकियों ने ऑनलाइन खरीदे मोबाइल चार्जर, पुलिस ने खरीदने-बेचने वालों तक बनाई पहुंच

पहलगाम/जम्मू। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। जांच में पता चला कि आतंकियों ने अपने आकाओं और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) से संपर्क के लिए ऑनलाइन मोबाइल चार्जर खरीदे थे। मुठभेड़ स्थल से बरामद तीन चार्जरों की सीरियल नंबर जांच कर पुलिस ने इन्हें बेचने और खरीदने वाले तक पहुंच बनाई।

जांच में सामने आया कि एक चार्जर वीवो T2X 5G मोबाइल फोन का था और यह फ्लिपकार्ट से खरीदा गया था। वीवो और फ्लिपकार्ट से तकनीकी जानकारी लेने के बाद पता चला कि चार्जर मुसैब अहमद (इकबाल कंप्यूटर्स) ने खरीदा और मोहम्मद यूसुफ कटारी को बेचा। यूसुफ के बैंक खाते से भी 24 मई को 14,500 रुपये के भुगतान की पुष्टि हुई।

पूछताछ में यूसुफ ने कबूल किया कि उसने मारे गए आतंकवादियों अफगान भाई, सुलेमान शाह और जिब्रान को दाचीगाम के जंगलों में छिपे होने के दौरान रसद और आवाजाही में मदद की थी। पुलिस का मानना है कि बैसरन घाटी में हमला करने के बाद आतंकियों की सहायता में यूसुफ सक्रिय रहा। वह फिलहाल 15 दिन की पुलिस रिमांड पर है।

पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय घोड़ा चालक शामिल था। इस हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया और 7 मई को पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को नष्ट किया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन महादेव’ में भी आतंकियों को निष्क्रिय किया।

जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि तकनीकी और डिजिटल सबूत आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। चार्जर और ऑनलाइन खरीद से जुड़े साक्ष्यों ने आतंकियों के नेटवर्क और उनकी रसद श्रृंखला को उजागर किया है।

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