दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल रामनवमी के मौके पर तमिलनाडु के रामेश्वरम जाएंगे। यहां वे प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। यह वही मंदिर है जहां भगवान राम ने लंका जाने से पहले रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा की थी।
रामनाथस्वामी मंदिर हिंदू धर्म के चार धाम और 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे रामेश्वरम के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने लंका युद्ध में हुई मौतों के प्रायश्चित के लिए यहां पूजा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछली बार भी रामेश्वरम का दौरा किया था और अग्नि तीर्थम में स्नान करने के बाद मंदिर में पूजा की थी। उन्होंने रामायण पाठ और भजन संध्या में भी हिस्सा लिया था।
रामनाथस्वामी मंदिर का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। भगवान राम ने हनुमान जी से कैलाश पर्वत से स्फटिक शिवलिंग लाने के लिए कहा था, लेकिन जब हनुमान जी समय पर नहीं लौट पाए, तो सीता जी ने रेत से शिवलिंग बनाया और पूजा की। इस शिवलिंग को “रामलिंगम” कहा जाता है। मंदिर में दो शिवलिंग हैं, जिनमें से एक ‘विश्वलिंग’ को ज्योतिर्लिंग माना जाता है। अग्नि तीर्थम में स्नान के बाद श्रद्धालु मंदिर के अंदर बने 22 कुंडों के जल से स्नान करते हैं। इन कुंडों को तीर्थम कहा जाता है और इनका संबंध भगवान राम के युद्ध में इस्तेमाल किए गए बाणों से माना जाता है। रामेश्वरम का यह मंदिर और उसकी धार्मिक मान्यताएं हिंदू श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल हैं।