आगरा। आगरा में अवैध धर्मांतरण गिरोह के 10 आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में पेश किया, जिसमें छह को जेल भेज दिया गया और चार को रिमांड पर लिया गया।
इन चार में आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, रहमान कुरैशी, हसन अली और मोहम्मद हसन शामिल हैं। वहीं, गिरोह का सरगना अब्दुल रहमान पहले से ही कस्टडी रिमांड पर है। पुलिस अब इन पांचों से संयुक्त रूप से पूछताछ कर गिरोह के नेटवर्क और विदेशी फंडिंग के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करेगी।
गिरोह के पाकिस्तान और कश्मीर से संबंध होने की आशंका है। पुलिस का मानना है कि इनके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैले हो सकते हैं। आयशा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने दिल्ली के मुस्तफाबाद से अब्दुल रहमान और उसके दो बेटों को गिरफ्तार किया था। रहमान, मौलाना कलीम सिद्दीकी का करीबी बताया गया है, जिसे पहले ही एटीएस जेल भेज चुकी है।
पुलिस पांच आरोपियों को इस पूरे नेटवर्क का प्रमुख मान रही है। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का नेटवर्क देश के छह राज्यों में फैला हुआ है। आरोपी अब्दुल रहमान भूटान, नेपाल, कोलकाता और असम सहित कई राज्यों की यात्रा कर चुका है। उसका नाम जाकिर नाइक से भी जोड़ा जा रहा है। पुलिस अब उसकी ट्रैवल हिस्ट्री और संदिग्ध संपर्कों की गहराई से जांच कर रही है। अब पुलिस का पूरा फोकस इन पांच आरोपियों से गहन पूछताछ कर पूरे गिरोह के ऑपरेशन, फंडिंग और विदेशी संपर्कों की परतें खोलने पर है।