प्रशांत किशोर और ‘स्कूल बैग’ की एंट्री,NDA-महागठबंधन के लिए चुनौती या हवा हवाई!

पटना। बिहार की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है। राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जन सुराज को निर्वाचन आयोग ने ‘स्कूल बैग’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। किशोर ने इसे शिक्षा और रोजगार पर आधारित अपने विजन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 35 वर्षों में बिहार की राजनीति ने बच्चों की पीठ से स्कूल बैग हटाकर उन पर बोझ डाल दिया, जिसे अब बदला जाएगा।

प्रशांत किशोर की पार्टी का दावा है कि वह बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी और खुद को आरजेडी-जेडीयू-बीजेपी-कांग्रेस के विकल्प के रूप में पेश करेगी। हालांकि, 2024 लोकसभा उपचुनाव में पार्टी को कोई सफलता नहीं मिली थी। चार विधानसभा सीटों पर लड़े गए उपचुनावों में जन सुराज के प्रत्याशी कहीं तीसरे तो कहीं चौथे नंबर पर रहे। इसके बावजूद PK का आत्मविश्वास कायम है। उनका कहना है कि शिक्षा और रोजगार के मुद्दे से ही बिहार की गरीबी और पलायन की समस्या खत्म की जा सकती है। स्कूल बैग चुनाव चिन्ह इसी सोच को दर्शाता है।

साल 2020 के चुनाव में राजद ने 75, भाजपा ने 74 और जेडीयू ने 43 सीटें जीती थीं। NDA ने सरकार बनाई, और 2024 लोकसभा चुनाव में भी NDA को 30 सीटों पर सफलता मिली।  अब देखना दिलचस्प होगा कि PK का यह ‘स्कूल बैग मॉडल’ क्या वाकई बिहार के मतदाताओं को लुभा पाएगा या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक प्रयोग बनकर रह जाएगा। जन सुराज की असली परीक्षा 2025 के विधानसभा चुनाव में होगी, जहां उनका मकसद सिर्फ टक्कर नहीं, तीसरा विकल्प बनना है।

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