नसीम के जल चढ़ाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण:कानपुर में पुजारियों ने हरिद्वार से  गंगाजल मंगाया, मंदिर-शिवलिंग को धुला

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में नसीम सोलंकी ने दिवाली पर जिस मंदिर में जल चढ़ाया। उसका मंदिर के पुजारियों ने शुद्धिकरण किया है। पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगाया। इसके बाद पूरे मंदिर और शिवलिंग को धुला।

शिवलिंग का भी शुद्धिकरण किया गया।

दरअसल, दिवाली पर नसीम वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं। यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की और दीये जलाए। इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। कहा- जिस भी महिला ने ऐसा किया है, वह शरीयत की मुजरिम है। उसको तौबा करना चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए।

वनखंडेश्वर मंदिर में स्थित शिवलिंग पर नसीम सोलंकी ने जल चढ़ाया।

आराध्य से इतना लगाव था तो पहले भी आ सकती थीं

वनखंडेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र ने बताया- भक्तों में आक्रोश है कि बिना सूचना नसीम सोलंकी आईं। जलाभिषेक किया और दीप जलाए। इरफान सोलंकी कभी गर्भगृह में नहीं आए, बाहर ही रहे। मुश्ताक सोलंकी भी बाहर ही रहे। कभी मंदिर को राजनीति का अड्‌डा नहीं बनने दिया।

मुख्य पुजारी ने कहा- नसीम सोलंकी की क्या मंशा थी? उन्होंने यहां दीप जलाए और जल चढ़ाए। अगर वो आई थीं तो किसी पुजारी को बता देतीं, तो उनको आचमन करा देता। उनका शुद्धीकरण कर देता। हमारे हर पूजन में गंगाजल का बहुत महत्व है।

अगर हमारे आराध्य से इतना लगाव है तो वो पहले भी आ सकती थीं। चुनाव के समय आने की क्या जरूरत पड़ गई। इरफान सोलंकी और मुश्ताक सोलंकी भी मंदिर आए, लेकिन बाहर ही रहे। कभी राजनीति का अड्‌डा नहीं बनने दिया।

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