छत्तीसगढ़ के एकमात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में जूनियर स्टूडेंट्स से रैगिंग हुई है। सीनियर छात्रों ने 15 नवंबर की रात जूनियर छात्र छात्राओं को रात 12 बजे कमरे में बुलाकर अंदर से खिड़की दरवाजे, पंखे सब बंद कर दिए। इस दौरान घबराकर कई छात्राएं रोने लगीं। कुछ बेहोश भी हो गईं। उसके बाद सीनियर्स ने करीब रात 2 बजे जूनियरों को बास्केट ग्राउंड में कड़ाके की ठंड में केवल टी-शर्ट में ही एक घंटे खड़ा करा दिया। जूनियर का आरोप है कि वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से मदद मांगने पर उसने भी सीनियर्स को नहीं रोका। 3 बजे के बाद उन्हें कमरे में जाने की इजाजत मिली।
छात्रों ने रैगिंग के खिलाफ काम करने वाली संस्था सोसायटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन की लीगल हेड और सुप्रीम कोर्ट की वकील मीरा कौर पटेल को ई-मेल भेजकर शिकायत की। उसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। छात्रों के ग्रुप का व्हाट्सएप चैट भी वायरल हुआ है। इसमें सीनियर छात्रों की ओर से मैसेज भेजा गया है, जिसमें सभी को मीटिंग का हवाला देकर यूनियन रूम में पहुंचने को कहा गया है। बता दें कि जिस समय यह घटना हुई उस समय एम्स में फेस्टिवल चल रहा था।
डर इतना कि छात्र ने नाम छिपाकर ई-मेल से सुनाई आप बीती
वकील मीरा ने वीडियो जारी कर बताया कि उनके पास किसी अज्ञात छात्र का ई-मेल आया, जिसमें उसने बताया कि 15-16 नवंबर की रात एम्स में सामूहिक रैगिंग की गई है। पहले एबीबीएस 2023 बैच के छात्रों को यूनियन रुम में बुलाया गया। वहां उन्हें अपशब्द कहे गए। जिन छात्रों की दाढ़ी बढ़ी थी उन्हें ट्रीमर से क्लीन शेव करने को कहा गया। इस दौरान पूरे रूम को बंद किए जाने से सफोकेशन होने लगा। घबराकर कुछ छात्राएं रोने लगीं, कुछ बेहोश हो गईं। उसके बाद सभी छात्रों को बास्केटबॉल ग्राउंड पर बुलाया गया।
वहां कड़ाके की ठंड में उन्हें टी-शर्ट पहनाकर खड़ा किया गया। इस दौरान सभी के फोन टेबल पर रखवाए गए। रात करीब 3:30 तक यह सब चलता रहा। उसके बाद उन्हें वापस जाने के अनुमति दी गई। इस दौरान एम्स की महिला और पुरुष सिक्योरिटी गार्ड्स चुपचाप खड़े होकर सब कुछ देखते रहे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। ई-मेल कर पीड़ित छात्र ने बताया है कि, घटना के बाद कई लोग बुरी तरह मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। मेल में कुछ सीनियर्स के नाम भी हैं।
शिकायत नहीं मिली, लेकिन जांच चल रही
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के प्रवक्ता मृत्युंजय राठौर ने बताया कि एक अज्ञात शिकायत मिली है कि जूनियर छात्रों के साथ रैंगिग की गई है। हमने उस आधार पर शिकायत की समीक्षा के साथ जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस बीच जूनियर छात्रों की ओर से ही ये मेल आया है कि उनके सीनियरों पर रैगिंग का जो आरोप लगाया गया है वह गलत है। उनके साथ रैगिंग नहीं हुई है। एम्स प्रवक्ता ने ये भी बताया कि रैगिंग न हो इसके लिए ही जूनियरों का हॉस्टल भवन बिलकुल अलग है।