रायपुर। रायपुर नगर निगम ने 2025-26 के लिए संपत्ति कर वसूली का टारगेट 350 करोड़ रुपए रखा है। इस बार 50 हजार नई संपत्तियों से टैक्स वसूली की तैयारी है, जिनसे पिछले वर्ष कर नहीं लिया जा सका। राजधानी में फिलहाल 3.25 लाख से अधिक संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिनमें 2.55 लाख से कर वसूली हो रही है, जबकि करीब 20 हजार संपत्तियां केंद्र, राज्य और धार्मिक संस्थानों की हैं, जिन पर वर्षों से टैक्स बकाया है।
निगम ने सभी बकायादारों की पहचान कर डिमांड नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। चेतावनी दी गई है कि वर्षों का बकाया टैक्स नहीं चुकाने पर संबंधित भवन, दुकान या फ्लैट को सील किया जाएगा। निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 300 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले कम राशि वसूली थी, इसलिए इस बार खाली प्लॉट्स को भी टैक्स दायरे में लाकर कुल वसूली को 400 करोड़ तक पहुंचाने की योजना है।
वहीं, शहर में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें पट्टा योजना के तहत जमीन मिली, पर वे तय क्षेत्रफल से अधिक जमीन घेरकर कब्जा किए हुए हैं। कुछ ने अवैध निर्माण भी कर लिया है। निगम अब ऐसे लोगों पर सख्ती की तैयारी में है। अवैध कब्जा हटाकर वैध निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि राजस्व बढ़ाया जा सके। लोगों की यह भी धारणा है कि टैक्स फरवरी-मार्च में ही भरना है, जिससे सालभर छूट का लाभ नहीं उठाते, जिससे वसूली पर असर पड़ता है। इस मानसिकता को बदलना भी निगम की चुनौती है।