रायपुर। छत्तीसगढ़ ने बुधवार को अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग का काम सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा की। यह सुरंग रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (NH-130CD) का अहम हिस्सा है और इसकी लंबाई 2.79 किलोमीटर है।
एनएचआई के अधिकारियों के अनुसार, यह सुरंग छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच इंटर-स्टेट कनेक्टिविटी को नई मजबूती देगी। इससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और यातायात व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। 464 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सप्रेस-वे का अधिकांश कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। यह एक्सप्रेस-वे रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरापुट और सब्बावरम को जोड़ते हुए सीधे विशाखापट्टनम बंदरगाह तक पहुंचेगा।
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बन रहे इस मार्ग के पूरी तरह तैयार होने के बाद रायपुर-विशाखापट्टनम यात्रा का समय 12-14 घंटे से घटकर 7-8 घंटे रह जाएगा। इससे व्यापार, उद्योग, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन क्षेत्र को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
कांकेर जिले के बासनवाही में बन रही इस सुरंग के लेफ्ट-हैंड साइड का कार्य 30 सितंबर 2025 को पूरा किया गया था। बुधवार को टनल के दोनों हिस्सों को जोड़ने का कार्य निर्णायक चरण में पहुंच गया है। यह सुरंग ट्विन ट्यूब टनल के रूप में विकसित की जा रही है, जो उच्च सुरक्षा मानकों, आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों और अत्याधुनिक यातायात सुविधाओं से लैस होगी।
NHAI अधिकारियों का कहना है कि इस सुरंग के पूरा होने से न केवल परिवहन व्यवस्था सुचारू होगी, बल्कि तीनों राज्यों के बीच आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। विशाखापट्टनम बंदरगाह तक बेहतर पहुंच से निर्यात-आयात की लागत घटेगी और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के अधोसंरचना विकास में मील का पत्थर साबित होगी और राज्य को देश के महत्वपूर्ण व्यापारिक गलियारों में मजबूती से स्थापित करेगी।

