छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 18 नवंबर को ढाबाडीह के बंद पड़े पत्थर खदान से एक किन्नर का शव मिला था। ये शव राजधानी रायपुर के जोरा स्थित किन्नर डेरा में रहने वाली किन्नर काजल उर्फ कोका कोला का था। पुलिस जांच में सामने आया है कि किन्नर काजल का मर्डर करने के बाद उसे पत्थर खदान में फेंका गया था। पुलिस ने काजल के मर्डर के आरोप में दो किन्नर और बजरंग दल के कार्यकर्ता सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया है कि काजल की हत्या के लिए 12 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। और मर्डर का पूरा प्लान लगभग दो महीने पहले ही बना लिया गया था।
मर्डर का पूरा प्लान जोरा के किन्नर मठ में रहने वाले उसके ही एक साथी किन्नर तपस्या (36 साल) उर्फ मोहम्मद इमरान भोईर ने रचा था। दरअसल, मामला कुछ ऐसा है कि मूलत: मुंबई, महाराष्ट्र की रहने वाली किन्नर तपस्या की महत्वकांक्षा जोरा स्थित किन्नर मठ की मठाधीश बनने की थी। लेकिन लोकल रायपुर और सीनियर होने के कारण काजल का मठाधीश बनना लगभग तय था। ऐसे में काजल को रास्ते में हटाने के लिए तपस्या ने मठ में ही रहने वाले एक दूसरे किन्नर निशा श्रीवास को अपने पाले में लिया। इसके बाद गणेश उत्सव के दौरान तपस्या ने सुपारी के 12 लाख रुपयों का इंतजाम किया, फिर ये पैसा निशा को दे दिए।
ड्रायवर के जरिए दिया गया हत्या का कांट्रेक्ट
निशा ने काजल के मर्डर के लिए सुपारी किलर हायर करने का जिम्मा अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे को सौंपा। हिमांशु ने छह लाख में एक किलर हायर तो कर लिया, लेकिन ऐन मौके पर ये किलर किसी दूसरे मामले में जेल चला गया। इसके बाद हिमांशु ने रायपुर के ही रहने वाले कुलदीप कुमार और अंकुश चौधरी को काजल के मर्डर की सुपारी दी।
वारदात को अंजाम देने से पहले क्राइम स्पॉट की रेकी की आरोपियों ने
किलर हायर करने के बाद बलौदाबाजार के पत्थर खदान में काजल की हत्या करने का प्लान तय किया गया। क्राइम स्पॉट का मुआयना हत्या के दो दिन पहले यानी 15 नवंबर को खुद निशा ने जाकर किया था। इसके बाद निशा ने काजल से कहा कि उसे बलौदबाजार में अपने एक पहचान वाले से तीन लाख रुपए लेने हैं। साथ चलने पर वो उसे डेढ़ लाख रुपए देगी। काजल तैयार हो गई। इसके बाद 17 नवंबर को निशा की ही अर्टिगा कार से दोनों बलौदाबाजार के लिए रवाना हुए। इस दाैरान हिमांशु कार ड्राइव कर रहा था। कार के पीछे कुलदीप और अंकुश अपनी बाइक लेकर चल रहे थे।
चाकू से हत्या करके खदान में फेंका
अमेरा गांव के पास निशा ने कार रुकवाई। यहां कुलदीप और अंकुश को अपना पहचान वाल बताकर उनसे तीन लाख रुपए लिए, जिसमें से डेढ़ लाख उसने काजल को दे दिए। ये सब कुछ काजल का विश्वास जीतने के लिए प्लानिंग के तहत किया जा रहा था। इसके बाद घूमने के बहाने हिमांशु और निशा ने काजल को बंद पड़े पत्थर खदान पर लाया। तीनों जब तक यहां पहुंचे काफी अंधेरा हो चुका था। पीछे से अंकुश और कुलदीप भी पहुंचे।
इन दोनों के खदान में पहुंचते ही हिमांशु और निशा कार पर सवार हुए और निशा को वहीं छोड़कर फरार हो गए। काजल कुछ समझ पाती उससे पहले ही अंकुश और कुलदीप ने उसके पीठ पर चाकू घोंप दिया। हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों ने इस पूरे किस्से को सुसाइड दिखाने के लिए काजल की लाश खदान के नीचे भरे पानी में फेंक दिया।
एक कार और दस लाख से ज्यादा कैश आरोपियों के पास से जब्त
एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि आरोपी पूरे मामले को सुसाइड की तरह दिखाने चाहते थे। लेकिन बॉडी पर मिले जख्म और फॉरेंसिक टीम की जांच के बाद क्लियर हो चुका था कि मर्डर हुआ था। पुलिस ने अपनी जांच इसी एंगल से आगे बढ़ाई। इसी दौरान पता चला कि काजल की गुमशुदगी की रिपोर्ट तेलीबांधा थाने में दर्ज कराई गई थी।
इसके बाद सायबर टीम की मदद ली गई। जिसमें काजल और निशा की लास्ट लोकेशन मैच एक थी। शक के आधार पर पूछताछ की गई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। आरोपियों के पास से पुलिस ने 10 लाख 50 हजार रुपए कैश सहित क्राइम में उपयोग किए गए बाइक, कार और हथियार को बरामद कर लिया है।