चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 21 दिन की फरलो मंजूर हो गई है। मंगलवार सुबह राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गया।
2 दिन पहले ही पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह राम रहीम को सोच समझ कर ही फरलो या पैरोल दे। जिसके बाद सरकार ने राम रहीम को इस शर्त पर फरलो दी कि वह 21 दिन बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा। इससे पहले 10 अगस्त को हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें राम रहीम को बार-बार पैरोल या फरलो देने पर सवाल उठाए गए थे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है।
पहले भी चुनाव से पहले बाहर आ चुका
राम रहीम का चुनाव से पहले जेल से बाहर आना नई बात नहीं है। इससे पहले भी उसे अलग-अलग चुनाव से पहले पैरोल-फरलो मिल चुकी है। वह हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के पंचायत चुनावों से लेकर विधानसभा चुनाव में एक्टिव रह चुका है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम जेल से बाहर आना चाहता था। उसने कहा था कि मैं 14 दिन की पैरोल का हकदार हूं। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने राम रहीम को पैरोल नहीं दी।
2014 में भाजपा का किया था समर्थन
पंजाब में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अंतिम समय पर डेरा समर्थकों ने भाजपा का समर्थन किया था। इसका भाजपा व अकाली दल गठबंधन को फायदा मिला। हरियाणा में 2014 में हुए चुनाव में भाजपा की जीत में डेरे का बड़ा योगदान रहा। 2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और उम्मीदवार डेरे के संपर्क में थे। इसका उन्हें फायदा भी मिला।