ई-रूपी जल्द लॉन्च करेगा आरबीआई, IIT भिलाई में चल रही है टेस्टिंग

Loans from banks may become cheaper, RBI reduces repo rate

रिजर्व बैंक जल्द ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) लॉन्च करने वाली है। इसे ई-रूपी का नाम दिया गया है। जैसे 10, 20, 50, 100 या 500 रुपए के नोट को लोग बड़ी आसानी से उपयोग कर लेते हैं। वैसे ही इस डिजिटल करेंसी को भी लोग उपयोग कर सकेंगे।

यह करेंसी पूरी तरह डिजिटल होगी। यह इतनी सिक्योर होगी कि ​यह ई-रूपी जिसका होगा, वही इसका उपयोग कर सकेगा। आप के वॉलेट में कितना रुपए है, यह तक आप की अनुमति के बिना कोई देख नहीं सकेगा। इसलिए चोरी होने का बिलकुल भी खतरा नहीं रहेगा। एक्सपर्ट का ये भी मानना है कि वर्तमान में जिस तरह से लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे है। पर ई-रुपी से साइबर ठगी का खतरा नहीं होगा।

केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए आईआईटी भिलाई को जिम्मेदारी दी है। पायलेट प्रोजेक्ट में आरबीआई आईआईटी भिलाई के साथ इस पर काम कर रहा है। कई क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की सुविधा पर्याप्त नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में इस डिजिटल करेंसी के उपयोग को आम जनता के लिए आम कैसे बनाया जाएगा। इस पर एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है। आईआईटी भिलाई में सीबीडीसी सेक्शन खोला गया है। जहां इस करेंसी की जांच की जा रही है। टेस्ट करके देखा जा रहा है कि और किस तरह की समस्या आ सकती है। कैसे इसका निराकरण किया जा सकता है।

आरबीआई के एक्सपर्ट ने इसके लाभ को बताया

आईआईटी भिलाई में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यकम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य सीबीडीसी के प्रति जागरूकता बढ़ाना। कार्यक्रम में सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) फिनटेक स्वप्निल शानू और सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) फिनटेक अदिति दुबे ने आईआईटी के छात्रों को सीबीडीसी के बारे में पूरी जानकारी।

इसके उपयोग और लाभ पर चर्चा की। ताकि लोग इसे जाने, इसका उपयोग करें। छात्रों के बीच इस विषय पर प्रश्नोत्तरी भी हुई। जिसमें युवाओं के मन में उठने वाले सभी सवालों के जवाब भी दिए गए। कार्यक्रम में आईआईटी के डायरेक्टर राजीव प्रकाश प्रमुख रूप से शामिल रहे।

जानिए क्या है ई-रुपी?
  • ई-रुपी, डिजिटल रुपी, और सीबीडीसी तीनों एक ही है। आपके पर्स में रखा जो 500, या 200 का नोट है, जिसे आरबीआई छापती है। उसी तरह ई-रुपी भी सॉवरेन बैंक करेंसी है। इसका मतलब इस रुपी को भी आरबीआई इश्यू करता है।
  • ई-रुपी आरबीआई के बैंलेंस शीट में लायबिलिटी के रूप में दिखाई देती है। जैसे आप किसी दुकान में 100, 200 या 500 रुपए के नोट से खरीदारी करते हैं, उसी तरह आप इस ई-रुपी से भी कर सकेंगे।
  • देश के सारे नागरिक और सरकार अपनी वैल्यू को स्टोर करके रख सकते हैं। वैल्यू स्टोर करने से यहां मतलब है कि सैलरी चाहें तो ई-रुपी में ले सकते हैं। जैसे आपके पास रखा नोट वैध मुद्रा है उसी तरह ई-रुपी भी है।
नोट की जरूरत नहीं पड़ेगी

 डिजिटल करेंसी से लोगों को रुपए निकाने बैंक व एटीएम जाना नहीं पड़ेगा। अभी यूपीआई आईडी का उपयोग कर रहे है। उसके उपयोग के लिए इंटरनेट की जरूरत है। इससे एक कदम आगे बढ़कर डिजिटल करेंसी को उपयोग करने यूएनआई का उपयोग करेंगे। यह बिना इंटरनेट के चलेगा।

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