IAS अफसर बनकर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगे 8 लाख

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना के तहत भू-अर्जन प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आई है। इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार डी.के. उईके और पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ तोरवा थाना में एफआईआर

उज्जैन। आईएएस अधिकारी बनकर एक युवक से दो महिला सहित पांच लोग मिले थे। सभी ने युवक को फर्जी नाम बताए और उसे सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया। भोपाल व जयपुर सचिवालय में जान-पहचान होने व जल्द नौकरी लगाने के एवज में युवक से आठ लाख रुपये ले लिए। मगर अब तक ना तो युवक को रुपये लौटाए और ना ही उसकी नौकरी लगी है। मामले में महाकाल पुलिस को शिकायत की गई है। पुलिस ने बताया कि फिरोज मोहम्मद पुत्र एहसान मोहम्मद निवासी आदर्श नगर नागझिरी बेरोजगार है। वह कई सालों से नौकरी कर प्रयास कर रहा है। 9 अप्रैल 2023 को एक परिचित के माध्यम से इंद्रराज भारद्वाज, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, मंजूलता जैन, राजीव देशवाल व नाजियानाज मिले थे।

बोला-कई लोगों की नौकरियां लगवा दीं

इंद्रराज ने खुद को आईएएस अधिकारी बताते हुए कहा था कि उसकी भोपाल व जयपुर में पहुंच है। कई लोगों की नौकरियां लगवा चुका है। इसके अलावा अन्य लोगों ने भी खुद को अधिकारी बताया और फिरोज को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दिया। जिसके एवज में आठ लाख रुपये की मांग की थी। फिरोज ने बेगमबाग रोड पर स्थित होटल अंगारा में आठ लाख रुपये दिए थे। मगर अब तक फिरोज की ना तो नौकरी लगी है और ना ही आरोपित उसे रुपये वापस लौट रहे है।

पड़ताल की तो पता चला फर्जी अधिकारी बनकर लगाया चूना

फिरोज ने पुलिस को बताया कि उसने जब आरोपितों के बारे में जानकारी निकाली तो उसे पता चला कि सभी ने उसे फर्जी अधिकारी बनकर चूना लगाया है। इंद्रराज भारद्वाज का असली नाम आरिफ मोहम्मद पठान उम्र 48 वर्ष निवासी गांधी नगर मंसूरी पार्क उदयपुर राजस्थान है। जबकि मंजूलता जैन का नाम शमा परवीन पत्नी आरिफ मोहम्मद पठान, राजीव देशवाल का नाम मलिक परवेज खान निवासी इंदौर है। इसके अलावा नाजिया नाज व लक्ष्मण प्रसाद का उसे पता नहीं चला है। पुलिस मामले में जांच में जुटी है।

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