सड़कों का डीपीआर बनाने छत्तीसगढ़ में अब एआई टूल किट का होगा इस्तेमाल

छत्तीसगढ़ समेत नक्सल प्रभावित 9 राज्यों के उन गांवों में भी सड़कें बनेंगी, जहां अब तक सड़कें नहीं बनी हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां 100 प्लस की आबादी वाले ग्रामीण बसाहटों में सड़कें बनेंगी। वहीं, मैदानी इलाकों में 500 प्लस आबादी वाले अनकनेक्टेड गांवों में सड़क बनाने का निर्णय लिया गया है।

लेकिन खास बात यह है कि जियो मैपिंग के बाद ही इन सभी इलाकों में सड़कें बनाई जाएंगी। पीएमजीएसवाय- 4 (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) के तहत बनने वाली इन सड़कों के निर्माण से पहले गांवों का एप के जरिए सर्वे भी किया जाएगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने इन इलाकों में सर्वे के लिए पीएमजीएसवाय ग्राम सड़क सर्वे एप तैयार किया है। इसके जरिए अनकनेक्टेड बसाहटों की डिजिटल मैपिंग की जाएगी। इस एप के जरिए मिले आंकड़ों को सीधे जियो सड़क को भेजा जाएगा।

जहां इसे एडिट करके फाइनल डाटा को पीएम गति शक्ति पोर्टल के साथ शेयर किया जाएगा। अब एआई टूल सड़कों के निर्माण संबंधी डीपीआर भी तैयार करेगा। दरअसल, पीएम गति शक्ति पोर्टल पर शेयर किए गए आंकड़े की मदद से गति शक्ति डीपीआर टूल, डीपीआर की प्लानिंग तैयार करेगा। साथ ही इसका उपयोग डीपीआर तैयार करने में भी होगा। बता दें कि गति शक्ति डीपीआर टूल एक जियो स्पेशियल एआई टूल है।

25 हजार गांवों को जोड़ने का प्लान

पिछले महीने से देश भर में पीएमजीएसवाय- 4 (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) योजना लांच की गई। इसके तहत देश भर के अनकनेक्टेड ग्रामीण बसाहटों में सर्वे करके सड़कों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया। एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में लगभग 25 हजार ग्रामीण बसाहटें अनकनेक्टेड हैं। बता दें कि पीएमजीएसवाय-4 के लक्ष्य को 2028-29 तक लागू करने का निर्णय किया गया है।

2011 की आबादी के हिसाब से सर्वे

अब तक देश भर में 2001 की आबादी के हिसाब से पीएमजीएसवाय के तहत सड़कें बन रही थी, लेकिन अब 2011 की आबादी के अनुसार सर्वे करके सड़कों को बनाया जाएगा। सड़कों के निर्माण से पहले जियो मैपिंग की जाएगी। इसके बाद ही सड़कें बनेंगी। पांचवी अनुसूची के इलाकों में 250 प्लस की आबादी वाले गांवों में सर्वे के बाद सड़कें बनेंगी।

15 तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य

सड़कविहीन गांवों में सर्वे का काम 15 नवंबर 2024 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले पीएमजीएसवाय सड़क सर्वे एप और गति शक्ति डीपीआर टूल के उपयोग के लिए प्रशिक्षण देने की भी योजना है। छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों में अगले कुछ दिनों में ट्रेनिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य है।

पांचवीं अनुसूची के इलाकों में भी एप के जरिए ही होगा सर्वे

2011 की आबादी के अनुसार छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में 500 प्लस की आबादी और पांचवीं अनुसूची के इलाके, एसपिरेशनल ब्लॉक्स या जिलों में 250 प्लस की आबादी और नक्सल प्रभावित जिलों में 100 प्लस की आबादी वाले जिलों के गांव में एप के जरिए सर्वे किया जाना है।

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