शरद पवार ने दिया BJP को झटका, इन राजनेता को दिलाई अपनी पार्टी की सदस्यता

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार ने बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया है। कभी भाजपा के समर्थक रहे कोल्हापुर राजघराने के वंशज समरजीत सिंह घाटगे मंगलवार को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। इस सियासी घटनाक्रम का स्वागत करते हुए, एनसीपी (सपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने घाटगे को “हीरा” बताया और कहा कि हम इसकी कीमत जानते हैं।

वहीं घाटगे ने अपने समर्थकों को शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की अपील की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पूर्व करीबी घाटगे को आगामी राज्य चुनावों में कागल विधानसभा सीट से टिकट मिलने की संभावना है। कागल का प्रतिनिधित्व वर्तमान में शरद पवार के पूर्व वफादार हसन मुश्रीफ कर रहे हैं, जो जुलाई 2023 में उपमुख्यमंत्री अज‍ित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।

इलाके में है प्रभाव

घाटगे के पिता स्वर्गीय विक्रमसिंह घाटगे कागल से दो बार विधायक रहे हैं। छत्रपति शाहू महाराज के शाही वंशजों का स्थानीय लोगों में बहुत प्रभाव है। 2019 में, घाटगे ने कागल सीट पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन मुश्रीफ से हार गए थे। वहीं 2024 में यह विधानसभा क्षेत्र शरद पवार के कोटे में जाने की उम्मीद है, इसलिए उन्होंने भाजपा छोड़कर एनसीपी (सपा) में शामिल होने का फैसला किया है। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट घाटगे छत्रपति शाहू सहकारी चीनी कारखाना और छत्रपति शाहू दूध एवं कृषि उत्पाद कंपनी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वे कोल्हापुर में कई संस्थानों के प्रमुख भी हैं। घाटगे परिवार के प्रमुख सदस्यों में बॉलीवुड की हस्तियां, विजयेंद्र घाटगे (फिल्म चितचोर) और राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी और अभिनेत्री सागरिका घाटगे-खान (चक दे इंडिया फेम) शामिल हैं।

कोल्हापुर के तीन दिवसीय दौरे पर पवार

शरद पवार इन दिनों कोल्हापुर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने घाटगे परिवार और कई अन्य स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं के अलावा विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन के स्थानीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मंगलवार सुबह शरद पवार नाश्ते के लिए घाटगे के घर गए और घाटगे तथा उनके चाचा श्रीमंत राजे प्रवीण सिंह घाटगे से बातचीत की। घाटगे ने कहा, “हमने बैठक के दौरान विभिन्न चीजों पर चर्चा की। हमने पवार साहब के मार्गदर्शन में काम करने का फैसला किया है। वह राजनीति में हमारे नए गुरु हैं।”

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