सीतापुर राजमिस्त्री हत्याकांड: आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने के आदेश पर हाई कोर्ट की रोक

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सीतापुर थानाक्षेत्र में राजमिस्त्री के हत्या के मुख्य आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने के सीएमओ के आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। शुक्रवार को अर्जेंट हियरिंग के तहत मामला सिंगल बेंच में लगा था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीन दिन के मोहलत को अपर्याप्त मानते हुए कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ ही याचिकाकर्ता को दस्तावेज पेश करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।

पानी की टंकी से लाश बरामद होने के बाद हत्याकांड के मुख्य आरोपियों के घर पर सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर ने बुलडोजर चलाने का नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था। नोटिस की अवधि समाप्त होने के साथ ही नगर पंचायत ने सीएमओ के आदेश पर घर तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। शुक्रवार को अर्जेंट हियरिंग करते हुए हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है।

अंबिकापुर के सीतापुर में दृश्यम फिल्म के अंदाज में किए गए अपराध में मुख्य आरोपी के घर को तोड़ने के लिए शासन ने कार्रवाई प्रारंभ करते हुए बीते 11 सितंबर 2024 को सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर ने नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर भवन निर्माण अनुज्ञा प्रस्तुत करने अथवा कब्जा हटा लेने का नोटिस मुख्य अभियुक्त अभिषेक पांडेय के घर पर चस्पा किया था। नगर पंचायत सीएमओ के आदेश को चुनौती देते हुए स्वजन ने अर्जेंट हियरिंग के तहत मामले की सुनवाई करने और सीएमओ के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है किनिर्माण अनुज्ञा जारीकर्ता अधिकारी ने स्वयं एनबीटी बनकर नोटिस जारी किया है। जबकि इन्होंने ही भवन निर्माण की अनुमति प्रदान की है। जानबूझकर सिर्फ तीन दिन का समय दिया गया और यह नोटिस सद्भावना पूर्ण तरीके से जारी नहीं किया गया है। नोटिस जारी करने में अधिकारी द्वारा दुर्भावना की जा रही है। यह उचित नहीं है। अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दी जाए। मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के बाद सीएमओ के आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता को अनुज्ञप्ति की प्रति एवं नोटिस का जवाब सीएमओ नगर पंचायत सीतापुर के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है।

ये हे पूरा मामला

सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र से तीन माह पूर्व लापता आदिवासी राजमिस्त्री की हत्या कर दी गई थी। राजमिस्त्री का शव मैनपाट के ग्राम लुरैना में सौर ऊर्जा संचालित पानी टंकी के नीचे दफना दिया गया था। ठेकेदार ने सहयोगियों के माध्यम से घटना कारित की थी शुक्रवार को पुलिस ने पानी टंकी के निर्माण को हटाकर एक्सीवेटर की मदद से नींव के फाउंडेशन वाले हिस्से को खोदा तो शव बरामद हुआ। शव का ऊपरी हिस्सा सड़ चुका था। कपड़ा और ढांचा सुरक्षित था। युवक की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कंकाल का डीएनए टेस्ट भी कराएगी। हालांकि संदेहियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही कंकाल बरामद किया गया है। मृतक के स्वजन ने कपड़े व अन्य सामानों के माध्यम से उसकी पहचान कर ली है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया है।

पत्नी ने दर्ज कराई थी शिकायत

संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा ने 16 जून को सीतापुर थाने में अपने पति के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने ठेकेदार पर अपहरण और हत्या का आरोप भी लगाया था। स्वजन व घरवालों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर ठेकेदार को पकड़ने की मांग भी की थी। आरोप है कि ठेकेदार को पुलिस ने दबाब के बाद पूछताछ के लिए बुलाया था फिर छोड़ दिया था। इधर संदीप लकड़ा के लापता होने के बाद पुलिस को भ्रमित करने साजिश रची गई थी। उसके मोबाइल का लोकेशन लेकर उसकी तलाश की जा रही थी। उसका मोबाइल गोवा एवं मुंबई में कुछ समय के लिए चालू हुआ था।

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