लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक पर NSA लगाया, जोधपुर जेल में भेजा गया; लद्दाख में चौथे दिन कर्फ्यू

सोनम वांगचुक, NSA, लेह हिंसा, लद्दाख कर्फ्यू, जोधपुर सेंट्रल जेल, SECMOL, HIAL, FCRA जांच, सोशल एक्टिविस्ट गिरफ्तार, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, प्रदर्शनकारियों की मांग, GenZ Revolution, केंद्र-स्थानीय बातचीत, पुलिस और CRPF कार्रवाई, लद्दाख पूर्ण राज्य, इंटरनेट बंद

लेह/जोधपुर। लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार दोपहर उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया गया। उन्हें पहले दिल्ली ले जाया गया और विशेष सुरक्षा व्यवस्था में राजस्थान के जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत लंबी अवधि तक बिना जमानत हिरासत में रखा जा सकता है।

सरकार ने वांगचुक को 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा का जिम्मेदार बताया। इस हिंसा में चार युवकों की मौत और 80 लोग घायल हुए थे, जिनमें 40 पुलिसकर्मी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा के बाद लेह में लगातार चौथे दिन कर्फ्यू लागू है, स्कूल-कॉलेज बंद हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।

Ladakh Protest Violence Update; Sonam Wangchuk | Leh। Leh violence:  Wangchuk booked under Ladakh | सोनम वांगचुक पर NSA लगा, अरेस्ट कर जोधपुर  जेल भेजा: लेह में लगातार चौथे दिन कर्फ्यू; 3

सोनम वांगचुक को प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले गिरफ्तार किया गया। लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने आरोप लगाया कि पुलिस और CRPF ने चेतावनी दिए बिना सीधे फायरिंग की। वांगचुक ने पहले से अंदेशा जताया था कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और कहा था कि “यदि गिरफ्तार होना पड़े तो मुझे खुशी होगी।”

उनके खिलाफ कार्रवाई लगातार बढ़ रही है। गृह मंत्रालय ने उनकी संस्था SECMOL का विदेशी फंडिंग लाइसेंस रद्द कर दिया। CBI ने उनकी दूसरी NGO HIAL के खिलाफ भी FCRA उल्लंघन की जांच शुरू की। वांगचुक पर पुराने मामलों को दोबारा खोलने और आयकर नोटिस जारी करने जैसे आरोप भी हैं।

सोशल मीडिया पर उन्होंने GenZ Revolution शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर विवाद भी हुआ। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर सवाल पूछे जाने पर वांगचुक ने खुद को निशाना बताते हुए मीडिया पर आरोप लगाया।

सोनम वांगचुक पिछले पांच साल से लद्दाख के अधिकारों की लड़ाई में सक्रिय रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और यह लद्दाख में वातावरण और केंद्र-स्थानीय बातचीत को प्रभावित कर सकती है।

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