दिल्ली। बड़े पैमाने पर उड़ानें रद किए जाने से लाखों यात्रियों को हुई परेशानी के बाद अब इंडिगो एयरलाइन के खिलाफ सरकार और नियामक एजेंसियों ने कड़ा रुख अपनाया है। एक ही दिन में तीन अलग-अलग मोर्चों से कार्रवाई करते हुए विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने चार फ्लाइट इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया, प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच शुरू कर दी और सरकार ने एयरलाइन को 59 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाये का नोटिस थमा दिया है।
डीजीसीए ने इंडिगो की उड़ानों में लंबे समय से चल रहे व्यापक व्यवधान के लिए निरीक्षण और निगरानी में लापरवाही को जिम्मेदार मानते हुए चार फ्लाइट इंस्पेक्टर—ऋष राज चटर्जी, सीमा झमनानी, अनिल कुमार पोखरियाल और प्रियम कौशिक—को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। नियामक का कहना है कि ये अधिकारी एयरलाइन से सुरक्षा और परिचालन मानकों का पालन सुनिश्चित कराने में विफल रहे। इसके साथ ही इंडिगो के गुरुग्राम कार्यालय में दो विशेष निगरानी दल तैनात किए गए हैं।
इधर, डीजीसीए की जांच के समानांतर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) ने भी इंडिगो के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की है। आयोग यह परख रहा है कि क्या घरेलू बाजार में 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है या प्रतिस्पर्धा मानदंडों का उल्लंघन किया है।
तीसरे मोर्चे पर सरकार ने इंडिगो को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए करीब 59 करोड़ रुपये के जीएसटी बकाये और जुर्माने का नोटिस जारी किया है। हालांकि, एयरलाइन ने इस मांग को चुनौती देने की बात कही है और दावा किया है कि इससे उसकी वित्तीय स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
इस बीच उड़ानें रद होने का सिलसिला जारी है। दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट से एक दिन में करीब 160 उड़ानें रद की गईं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय यात्रियों को दिए जा रहे 10 हजार रुपये के ट्रैवल वाउचर की पर्याप्तता पर भी विचार कर रहा है। सरकार के सख्त रुख से साफ है कि यात्रियों की परेशानी को लेकर अब किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
