छत्तीसगढ़ वेटलैंड प्राधिकरण ने 1 दिसंबर को बुलाई बैठक, नगर निगम से तलब तालाबों के आसपास हो रहे अवैध निर्माण पर होगी चर्चा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने शहर के तालाबों के संरक्षण को लेकर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। प्राधिकरण ने नगर निगम को 1 दिसंबर को बुलाकर बैठक में उपस्थित होने के लिए तलब किया है। यह बैठक मुख्य रूप से शहर के तालाबों के 50 मीटर दायरे में हो रहे निर्माण कार्यों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है।

करबला तालाब में हो रहे निर्माण कार्यों के खिलाफ जिला वेटलैंड संरक्षण समिति के डॉ. राकेश गुप्ता और स्थानीय नागरिकों ने गंभीर शिकायतें दर्ज कराई हैं। शिकायत में बताया गया है कि तालाबों के आसपास हो रहे अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए खतरा हैं, बल्कि यह हाईकोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन है। प्राधिकरण ने इन आरोपों पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम और जिला वेटलैंड संरक्षण समिति से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

वेटलैंड नियम 2017 के तहत संरक्षित क्षेत्रों में अवैध निर्माण पर सख्ती से रोक लगाने का अधिकार प्राधिकरण के पास है। प्राधिकरण का कहना है कि तालाबों के आसपास निर्माण रोकना आवश्यक है ताकि जलस्रोतों और पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखा जा सके।

डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर की प्राकृतिक धरोहरों के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने बताया कि कई बड़े तालाबों के आसपास सरकारी दबाव में निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरणीय संतुलन प्रभावित हो रहा है। डॉ. गुप्ता ने तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।

वेटलैंड प्राधिकरण की यह बैठक इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि नगर निगम और संबंधित विभाग तालाबों के संरक्षण और अवैध निर्माण रोकने में कितने सक्रिय हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तालाबों के आसपास अनियंत्रित निर्माण जारी रहा, तो शहर के जलस्तर और प्राकृतिक पारिस्थितिकी पर गंभीर असर पड़ सकता है।

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