1408 दिन गायब रहने वाले डॉक्टर चला रहे थे निजी अस्पताल, अब बने BMO; मरीज की मौत पर हुआ था हंगामा

The doctor who was absent for 1408 days was running a private hospital, now he has become BMO; there was uproar over the death of a patient

जगदलपुर। जगदलपुर में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। दंतेवाड़ा जिले के गीदम में तैनात डॉक्टर देवेंद्र प्रताप 21 अगस्त 2021 से बिना किसी सूचना के 1408 दिन तक अनुपस्थित रहे। इस दौरान उन्हें पांच बार नोटिस भेजे गए, पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे गैरहाजिर रहने के बाद अब वे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) बनकर फिर से सेवा में लौट आए हैं।

इस अवधि में उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर जगदलपुर में श्री बालाजी केयर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल नामक निजी अस्पताल खोला। बस्तर के CMHO डॉ संजय बसाख के अनुसार, इस अस्पताल में अगस्त 2024 में इलाज के दौरान मरीज रामपाल यादव की मौत हो गई थी। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। जांच में पता चला कि अस्पताल का पंजीकरण नहीं था और डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे, जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।

हालांकि, नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ श्रेयांश जैन ने कहा कि डॉक्टर और उनकी पत्नी अस्पताल के मालिक हैं और अब उनके पास रजिस्ट्रेशन है। दोनों अधिकारियों के अलग-अलग बयान से स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई संदेह के घेरे में आ गई है। डॉ देवेंद्र ने वापसी से पहले केवल पारिवारिक कारण बताते हुए उप संचालक को आवेदन दिया था। दंतेवाड़ा के CMHO का कहना है कि उन्हें वापस पद देने का आदेश ऊपर से आया है।

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