नकली वीजा बनाने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, लंबे समय से राजधानी में थे सक्रिय

दिल्ली। देश की राजधानी में बैठकर नकली वीजा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ दिल्ली पुलिस ने किया है। दिल्ली के चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ने नकली वीजा रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया। आरोपियों पर विभिन्न देशों के लिए नकली वीजा स्टिकर्स और अस्थायी रेजिडेंस प्रूफ कार्ड तैयार करने का आरोप है।

जांच के दौरान 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर्स, पांच अस्थायी निवास कार्ड, 14 रबर स्टैंप/सील, चार मोबाइल फोन, और दो पेन ड्राइव जब्त किए गए। नकली दस्तावेज तैयार करने के उपकरण, जैसे यूवी लाइट मशीन, खाली स्टिकर पेपर, और रबर स्टैंप भी बरामद किए गए। डीसीपी नई दिल्ली देवेश महेला ने बताया कि यह कार्रवाई लखवीर सिंह नाम के एक व्यक्ति द्वारा चाणक्यपुरी पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद हुई। इसमें आरोप लगाया गया कि उसे और उसके दोस्तों को परमजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति ने धोखा दिया है।

आरोपी ने प्रति व्यक्ति 8 लाख रुपये की लागत पर उनके लिए जर्मन वीजा हासिल करने का वादा किया था। परमजीत सिंह को चाणक्य पुरी में कुवैत दूतावास के पास से गिरफ्तार किया गया और आगे की जांच में गिरोह के तीन और सदस्यों तजिंदर सिंह, सुनील कुमार सूद और उदय पाल सिंह की गिरफ्तारी हुई। चाणक्य पुरी पुलिस स्टेशन ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और रैकेट के संचालन की सीमा का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही है।

नकली वीजा का सेटअप भी

पुलिस ने पाया कि गिरोह के पास नकली बीजा बनाने के लिए एक परिष्कृत सेटअप था, जिसमें उदय पाल सिंह के आवास से एक लैपटॉप, प्रिंटर, यूवी लाइट मशीन और अन्य सामग्री जब्त की गई थी। लैपटॉप और पेन ड्राइव के विश्लेषण से नकली वीजा स्टिकर से संबंधित 8.5 जीबी डेटा का पता चला, जिससे पता चलता है कि गिरोह ने देश भर में कई व्यक्तियों को धोखा दिया हो सकता है।

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