धान खरीदी से पहले सेवा सहकारी समिति का आंदोलन अल्टीमेटम, चार सूत्रीय मांगों पर अड़ी संगठन

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सूरजपुर। आगामी धान खरीदी सत्र शुरू होने से पहले सेवा सहकारी कर्मचारी संघ ने सरकार को चार सूत्रीय मांगों को लेकर चेतावनी दी है। संघ ने 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इस संबंध में संघ ने सूरजपुर कलेक्टर और उप पंजीयक सहकारी संस्थाओं को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को राज्यभर के 33 जिला मुख्यालयों पर रैली निकालकर मंत्रीगणों के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद 28 अक्टूबर को एक दिवसीय महाहुंकार रैली और फिर 3 नवंबर से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गई है।

संघ की पहली दो मांगें खाद्य विभाग से जुड़ी हैं। इसमें धान खरीदी वर्ष 2023–24 और 2024–25 में धान परिदान पश्चात सूखत राशि समितियों को तुरंत देने की मांग की गई है। साथ ही वर्ष 2024–25 में शून्य शार्टेज प्रोत्साहन और विभिन्न कमीशन व सुरक्षा व्यय में वृद्धि की भी मांग की गई है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश की तर्ज पर उचित मूल्य दुकान विक्रेताओं को प्रति माह 3000 रुपये देने और आउटसोर्सिंग द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति खत्म कर नियमितिकरण की मांग की गई है।

वहीं, सहकारिता विभाग से जुड़ी दो अन्य मांगों में राज्य की 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों को वेतनमान देने हेतु प्रति समिति 3 लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान देने की मांग की गई है। इसके साथ ही कांडे कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 2018 के सेवानियम में संशोधन करते हुए भविष्य निधि, महंगाई भत्ता, ईएसआईसी सुविधा लागू करने और दैनिक व संविदा कर्मचारियों को सीधी भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग रखी गई है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आगामी धान खरीदी प्रभावित हो सकती है।

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