रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो महीने पहले हत्या के बाद मृत घोषित किया गया युवक जिंदा निकल आया। शनिवार रात सीमित खाखा खुद कोतवाली थाना पहुंचा और पुलिस से कहा— “साहब, मेरी हत्या नहीं हुई, मैं जिंदा हूं।” युवक को सामने देखकर पुलिस और उसके परिजन सभी हैरान रह गए। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस जांच, बल्कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार तीन आरोपियों और पूरी कानूनी प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम सिटोंगा का है। 22 अक्टूबर को पुरना नगर और बालाछापर के बीच एक अधजला शव बरामद हुआ था, जिसकी पहचान सीमित खाखा के रूप में की गई थी। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा था कि सीमित की झारखंड में काम के दौरान विवाद के बाद हत्या कर दी गई और शव को जलाने की कोशिश की गई।
शनिवार रात ग्राम पंचायत सिटोंगा की सरपंच कल्पना लकड़ा सीमित को लेकर थाने पहुंचीं। उन्होंने बताया कि सीमित झारखंड से लौटते समय एक ऑटो में सवार हुआ था, जिसका चालक उसे पहचानता था। चालक ने इसकी जानकारी सरपंच को दी, जिसके बाद सच्चाई सामने आई।
सीमित ने पुलिस को बताया कि वह रोजगार की तलाश में झारखंड गया था। साथियों से बिछुड़ने के बाद वह गिरिडीह जिले के सराईपाली गांव में खेतों में काम करने लगा। उसके पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए वह अपने परिवार से संपर्क नहीं कर सका। क्रिसमस मनाने के लिए वह अब घर लौट रहा था।
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने दोबारा जांच शुरू करने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि अब यह पता लगाया जाएगा कि अधजला शव किसका था और जांच में कहां चूक हुई। यह मामला पुलिस जांच प्रणाली पर एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है।

