कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के एक बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मचा दी है। हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद जिले में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद को लेकर कहा कि, “यह कोई अयोध्या नहीं है, जो बाबरी को कोई हाथ लगा दे। यहां बनने वाली बाबरी मस्जिद को कोई छू नहीं सकता।” उन्होंने दावा किया कि फरवरी 2026 से मस्जिद निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा और तीन साल के भीतर इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।
हुमायूं कबीर ने कहा कि उनका बाबर से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन उन्होंने जानबूझकर मस्जिद का नाम ‘बाबरी मस्जिद’ रखा है। उनका कहना है कि यह नाम इसलिए चुना गया, क्योंकि आज भी यह मुद्दा लोगों के दिलों में दर्द और भावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए अब तक समर्थकों और दानदाताओं से 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एकत्र की जा चुकी है, जिसका उपयोग पूरी तरह मस्जिद के निर्माण में किया जाएगा।
विधायक ने कहा कि फरवरी से निर्माण की औपचारिक तैयारियां शुरू हो जाएंगी। मस्जिद का निर्माण कार्य तीन वर्षों में पूरा होगा और हर सप्ताह यहां शुक्रवार की नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद के लिए लाखों ईंटें पहले ही साइट पर पहुंच चुकी हैं।
धार्मिक नारों को लेकर हुमायूं कबीर ने कहा कि यदि चुनाव के दौरान ‘जय श्रीराम’ बोलना सही माना जाता है, तो ‘अल्लाह हू अकबर’ कहना भी उतना ही जायज है। उनके इस बयान को धार्मिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से संवेदनशील माना जा रहा है।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर को हुमायूं कबीर ने बांग्लादेश सीमा से सटे मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा इलाके में बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी। इसी मामले के बाद उन्हें तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था। उनके हालिया बयान से एक बार फिर विवाद गहराने के संकेत मिल रहे हैं।

