संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन आज,अडाणी मामले में हंगामे के आसार

संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। अडाणी मामले और यूपी के संभल में हुए दंगे पर दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं। सोमवार को सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जमकर बहस हुई थी।

दरअसल धनखड़ ने खड़गे से कहा कि हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए। इस पर धनखड़ ने कहा- मैं आपको इतना सम्मान देता हूं और आप ऐसा बोल रहे हैं। मुझे दुख पहुंचा है। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। उधर लोकसभा की कार्यवाही भी पूरी नहीं हो सकी। विपक्ष के नेता अडाणी मुद्दे पर हंगामा करते रहे। सदन को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सत्र में कुल 16 बिल, 11 पर चर्चा, 5 मंजूरी के लिए पेश होंगे

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 16 विधेयक पेश किए जाने हैं। इनमें से 11 विधेयक चर्चा के लिए रखे जाएंगे। जबकि 5 कानून बनने के लिए मंजूरी के लिए रखे जाएंगे। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए प्रस्तावित विधेयकों का सेट अभी सूची का हिस्सा नहीं है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इसे सत्र में ला सकती है। वहीं, राज्यसभा बुलेटिन में कहा गया है कि लोकसभा से पारित एक अतिरिक्त विधेयक भारतीय वायुयान विधेयक राज्यसभा में मंजूरी के लिए लंबित है।

वक्फ बिल पर बनी JPC के सदस्यों ने मांगा और समय

वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति के 29 नवंबर को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है, लेकिन यह तभी संभव है जब वह मानसून सत्र में दी गई समय सीमा का पालन करती है। JPC को सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने पैनल को अपनी रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू का कहना है कि JPC का कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इस पर चर्चा कार्य मंत्रणा समिति में होनी चाहिए।

JPC ने 22 अगस्त से लेकर अब-तक 25 बैठकें की हैं। इनमें 123 हितधारकों से सुझाव लिए गए हैं, जिनमें 6 मंत्रालय, 8 वक्फ बोर्ड और 4 अल्पसंख्यक आयोग शामिल हैं। वक्फ एक्ट, 1995 को वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस पर भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के जरिए इसमें सुधार लाने, डिजिटाइजेशन, ऑडिट, ट्रांसपेरेंसी और अवैध कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र बनाने का लक्ष्य है।

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