छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के भनवारटंक में सुपर लांगहाल मालगाड़ी हादसे की जांच कोलकाता के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर करेंगे। जांच के कमिश्नर सहित टेक्निकल टीम शुक्रवार को आएगी। जांच दल भनवारटंक पहुंचकर हादसे की पड़ताल करेगा।
इस दौरान मालगाड़ी के चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर व ट्रैकमैन से लेकर इस सेक्शन के अधिकारियों का बयान भी लिया जाएगा। हालांकि, रेल लाइन के जानकारों का दावा है कि असामान्य ट्रैक पर ओवरलोड सुपर लांगहाल मालगाड़ी चलाना हादसे की मुख्य वजह हो सकती है। बता दें कि बुधवार को पंजाब जा रही कोयला लोड मालगाड़ी के 22 डिब्बे भनवारटंक में पटरी से उतर गए। इस हादसे में सात से आठ डिब्बे पलट गए और कोयला आसपास बिखर गया। जिसके बाद ओएचई व ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, गंभीर हादसे में किसी तरह जनहानि नहीं हुई। लेकिन, रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।
इस हादसे के 24 घंटे से ज्यादा समय होने के बाद भी अब तक अप लाइन को चालू नहीं किया जा सका है। इधर, रेलवे बोर्ड का नियम के नियम के अनुसार सेफ्टी कमिश्नर इस घटना की जांच करेंगे। हादसे की जांच करने के लिए दक्षिण पूर्व सर्किल, कोलकाता के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर बीके मिश्रा (नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन) 29 नवंबर को बिलासपुर आएंगे। उनके साथ टेक्निकल टीम भी रहेगी, जिनके साथ वो सुबह 10 बजे से (इंडियन रेलवे एक्ट 1989, के सेक्शन 113 के अंतर्गत) न्यायिक जांच करेंगे। यह जांच मंडल रेल प्रबंधक बिलासपुर कार्यालय में जारी रहेगी। इस दौरान वो घटनास्थल का भी निरीक्षण करेंगे और हादसे की मुख्य वजह का पता लगाएंगे।
डाउन लाइन से गुजरीं दोनों तरफ की गाड़ियां
घटना के बाद अप और डाउन लाइन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिस तरह से मालगाड़ी के डिब्बे बिखरे पड़े थे और ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके चलते आशंका जताई जा रही थी लाइन चालू होने में वक्त लग सकता है। रेलवे के अफसर भी यह तय नहीं कर सके कि रेल यातायात कब तक बहाल हो सकेगा।
लेकिन, युद्धस्तर पर किए गए काम के चलते बुधवार की शाम डाउन लाइन को तैयार कर लिया गया। ट्रायल के बाद अप लाइन से दोनों तरफ की गाड़ियों को एक लाइन से शुरू कर दिया गया है। जिसके बाद परिवर्तित मार्ग से चलने वाली गाड़ियों को बिलासपुर-कटनी रूट पर बहाल कर दिया गया।
अपलाइन चालू होने में लगेगा वक्त
रेलवे प्रशासन ने बिलासपुर-कटनी रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू कर दी है। हालांकि, अभी खोंगसरा से भनवारटंक के बीच एक लाइन को ही चालू किया गया है। जबकि, अप लाइन को चालू करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। लेकिन, इसमें अभी वक्त लग सकता है। अप लाइन पर भी गाड़ियों को काफी धीमी गति से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके चलते अभी खोंगसरा से भनवारटंक के बीच गाड़ियों को महज 10 से 15 किमी की रफ्तार से ही चलाई जा रही है। इस दुर्घटना या इससे संबंधित मामले के बारे में जानकारी रखने वाले या साक्ष्य प्रदान करने के लिए कोई व्यक्ति इच्छुक है तो वह आकर साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं। ईमेल या प्रत्यक्ष के रूप से साक्ष्य दिखाया जा सकता है। इससे जांच में और आसानी होगी।