रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेताओं ने दिल्ली में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर आदिवासियों के लिए अलग धर्म-कोड की मांग उठाई। बैठक में जल, जंगल और जमीन के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आदिवासी नेताओं ने बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में नेतृत्व को मजबूत करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने का भी सुझाव दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बैठक के बाद बताया कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के आदिवासी नेताओं के साथ राहुल गांधी की जनपथ स्थित आवास पर लंबी चर्चा हुई। बैज ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “भाजपा जल, जंगल और जमीन को लूट रही है। इसे रोकने के लिए रणनीति बनाई गई।”
वहीं, वन मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या दीपक बैज ने राहुल गांधी से यह सवाल पूछा कि कांग्रेस ने अब तक किसी आदिवासी को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा? कांग्रेस आदिवासियों के साथ सिर्फ छल करती है।”
बैठक में विधायक जनक ध्रुव ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में जंगलों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है और पेशा कानून का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के विकास के लिए केंद्र से मिलने वाला फंड भी अन्य कामों में खर्च किया जा रहा है, जो आदिवासियों के अधिकारों का हनन है।
महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के नेताओं ने भाजपा द्वारा आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहे जाने पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों के अधिकारों का हनन कर रही है और जल्द ही उन्हें “स्वर्गवासी” कहने की नौबत आ जाएगी। बैठक में आदिवासी बच्चों की शिक्षा, फर्जी मुठभेड़ों और क्षेत्रीय विकास जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आदिवासी नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे संसद में इन मुद्दों को मजबूती से उठाएं।