रायपुर। बीमारी ठीक करने के झांसे में महिला को धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया गया, लेकिन महिला ने विरोध कर हंगामा कर दिया। उसे सिंदूर धोने और चूड़ी उतारने के लिए कहा गया, जिससे मामला सार्वजनिक हो गया। घटना के बाद बजरंग दल और अन्य हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता सुबह से ही मौके पर मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को भी मतांतरण को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने उस समय छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद रविवार को दोबारा धर्मांतरण का प्रयास किया गया। हिन्दू संगठनों ने मौके पर पहुंचकर मतांतरण कराने वालों को पुलिस के सामने ही पकड़ा और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की।
पुरैना निवासी महिला बालका राजपूत ने आरोप लगाया कि उनकी बहू रितू पर कुछ लोग इसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बना रहे थे। तीन महीने पहले रितू की तबियत खराब हुई थी, जिसके बाद वह मायाराम नामक व्यक्ति के पास इलाज के लिए गई। बालका ने कहा कि मायाराम ने निःशुल्क इलाज का झांसा देकर रितू को इसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया और उनके परिवार पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया।
हिंदू संगठनों के अनुसार, दो महीने से अधिक समय से मतांतरण समर्थक रितू और उसके परिवार के पीछे पड़े हुए थे। उन्हें यह भरोसा दिया गया कि धर्म बदलने से स्वास्थ्य ठीक हो जाएगा। आरोपियों ने महिला के हाथों से चूड़ी निकाल दी और सिंदूर हटाने के लिए कहा। महिला के विरोध करने पर उसे दबाव बनाया गया, लेकिन उसने हंगामा कर विरोध जताया। इस घटना को लेकर रायपुर में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने अभी तक मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की पहचान एवं उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।