छोटे रेस्तरां और ठेलों में इस्तेमाल किया जा रहा पुराना तेल बढ़ा रहा कैंसर और हार्ट अटैक का खतरा, NHRC ने लिया संज्ञान

दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने देशभर में खाद्य तेल के बार-बार उपयोग से जुड़ी गंभीर समस्या पर संज्ञान लिया है। आयोग ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा मानवाधिकार उल्लंघन मानते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को नोटिस जारी किया है। दोनों से दो सप्ताह के भीतर राज्यवार जांच रिपोर्ट और कार्रवाई का विवरण मांगा गया है।

भोपाल की सामाजिक संस्था सार्थक सामुदायिक विकास एवं जनकल्याण संस्था के संस्थापक ने शिकायत में बताया कि छोटे होटलों, ढाबों और सड़क किनारे ठेलों में एक ही तेल को बार-बार गर्म कर भोजन तैयार किया जा रहा है। यह तेल दोबारा बेचा भी जाता है, जिससे कैंसर, हृदय रोग और लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत इस मामले को संज्ञान में लिया। शिकायत में यह भी कहा गया कि उपयोग किया गया तेल यदि सही ढंग से नष्ट नहीं किया जाता, तो वह जल और मिट्टी को प्रदूषित कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।

आयोग ने कहा कि सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही FSSAI और स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा गया है कि RUCO (Repurpose Used Cooking Oil) अभियान और बायोडीजल नीति के बावजूद प्रभावी क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा है।

एनएचआरसी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि नियमों को कड़ाई से लागू किया जाए, तेल शोधन केंद्रों की स्थापना हो और नागरिकों को बार-बार गर्म तेल के खतरों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *