छत्तीसगढ़ में बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कोटमसर गांव के लोगों ने शुक्रवार को गुफा खुलने नहीं दी। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने उनका रोजगार छीन लिया है। टिकट काउंटर को गांव से करीब 5 किमी दूर शिफ्ट कर दिया है। पार्किंग की भी व्यवस्था काफी दूर कर दी। जिससे इनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति आ गई है।
गांव वालों का कहना है कि, कोटमसर गुफा की सैर करने के लिए हर दिन सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं। गुफा में प्रवेश लेने के लिए टिकट कटवानी पड़ती थी। जिसका काउंटर गुफा के नजदीक ही गांव में था। वहीं अब प्रशासन ने इस काउंटर को मुख्य मार्ग के किनारे शिफ्ट कर दिया है। पर्यटकों की वाहनें भी गांव तक नहीं पहुंचती है। ऐसे में पार्किंग और टिकट समेत बस्तरिया व्यंजन परोसकर इलाके के ग्रामीण अपना गुजारा चलाते थे।
नहीं माने ग्रामीण
वहीं, ग्रामीणों के विरोध के बाद उन्हें समझाइश देने के लिए कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अफसर भी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी। हालांकि, शुक्रवार की देर शाम तक दोनों पक्षों के बीच बात नहीं बनी थी। गांव वालों का कहना है कि जब तक पुरानी व्यवस्था फिर से नहीं होती है वे पर्यटकों के लिए गुफा खुलने नहीं देंगे।

1 नवंबर से खुलना था
बता दें कि, 15 जून से बारिश की वजह से कोटमसर गुफा का द्वार अक्टूबर महीने तक के लिए बंद कर दिया जाता है। इस बार पहले 21 अक्टूबर को गुफा का द्वार पर्यटकों के लिए खुलना था, लेकिन बारिश की वजह से तारीख 1 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी। हालांकि, 1 तारीख को ग्रामीणों के विरोध के बाद भी द्वार नहीं खुल पाया।