छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थित जंगल सफारी में सफेद बाघ का कुनबा बढ़ रहा है। जंगल सफारी की सफेद बाघिन रक्षा ने 3 शावकों को जन्म दिया है। तीनों रक्षा की तरह सफेद हैं। करीब एक माह पहले जन्म लेने वाले तीनों शावकों को अभी पिंजरे से बाहर नहीं निकाला गया है। पिंजरे में लगे सीसीटीवी कैमरे से तीनों शावकों की निगरानी की जा रही है। तीन नए मेहमानों के आने से प्रदेश में सफेद बाघों की संख्या 16 हो गई है।
बाधिन और तीनों शावकों के सामने अभी जंगल सफारी का स्टाफ भी नहीं जा रहा है। पिंजरे की जाली के माध्यम से उनका भोजन भीतर पहुंचा दिया जा रहा है। नन्हें शावकों को इंफेक्शन से बचाने के लिए हर तरह के संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इंफेक्शन से बचाने के लिए ही उन्हें अब तक बाड़े में रखा गया है। डॉक्टरों से लेकर पूरा स्टाफ सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी कर रहा है। नवा रायपुर की जंगल सफारी में कुछ दिन पहले तक एक भी सफेद बाघ नहीं थे। कानन पेंडारी बिलासपुर से सफेद शावकों का जोड़ा यहां लाया गया। उनका नाम जया और देव रखा गया था। जया और देव चूंकि एक ही बाघिन के बच्चे थे। इस वजह से उनकी ब्रीडिंग नहीं कराई गई। इससे इनब्रीडिंग यानी बच्चों में किसी न किसी तरह की शारीरिक अक्षमता का खतरा था। इस वजह से जंगल सफारी से जया को भिलाई के जू में शिफ्ट किया गया। वहां रक्षा को लाया गया। विशेषज्ञों के अनुसार रक्षा चूंकि पहले भी दो बार शावकों को जन्म दे चुकी थी। इस वजह से उसे यहां लाकर वंश बढ़ाने का निर्णय लिया गया।