दिल्ली। दिल्ली। तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने महिलाओं को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। चुनाव में अब करीब पांच महीने का समय बचा है और इसी बीच स्टालिन सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी महिला कल्याण योजना ‘कलाइग्नर मगलिर उरिमाई थिट्टम’ (KMUT) के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है। इस फैसले से राज्य की करीब 17 लाख अतिरिक्त महिलाओं को सीधा लाभ मिलने जा रहा है।
चेन्नई के नेहरू स्टेडियम में आयोजित ‘वेल्लुम तमिल पेंगल’ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना के विस्तार की घोषणा की। दूसरे चरण के लागू होने के बाद योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या 1.3 करोड़ से अधिक हो जाएगी। इससे पहले पहले चरण में 1.14 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा था। सरकार का दावा है कि यह योजना महिलाओं की आर्थिक मजबूती में अहम भूमिका निभा रही है।
‘कलाइग्नर मगलिर उरिमाई थिट्टम’ के तहत परिवार की महिला मुखिया को हर महीने सीधे उनके बैंक खाते में 1000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। योजना की औपचारिक शुरुआत 15 सितंबर 2023 को हुई थी और तब से हर महीने की 15 तारीख को राशि लाभार्थियों के खाते में जमा की जा रही है। सरकार का मानना है कि इस सहायता से महिलाओं को घरेलू खर्चों में मदद मिलती है और वे आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर बन रही हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि उन्होंने कई महिलाओं की जीवन कहानियां सुनी हैं, जो बेहद प्रेरणादायक हैं। उन्होंने कहा कि इन अनुभवों से उन्हें नई ऊर्जा और महिलाओं के लिए और ज्यादा काम करने की प्रेरणा मिली है। स्टालिन ने स्पष्ट किया कि इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का सपना एक ऐसा समाज बनाना है, जहां जाति, धर्म, नस्ल या सामाजिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी कल्याणकारी योजना की असली सफलता तब मानी जाती है, जब उसका सीधा असर लोगों के जीवन में साफ तौर पर दिखाई दे।

