केरल में मिला दिमाग पर असर डालने वाला वायरस, 8 महीने में 5 की मौत

दिल्ली। केरल में ब्रेन पर असर डालने वाले नए वायरस की पहचान हुई है। केरल सरकार ने इसका नाम अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस बताया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 7 अगस्त की देर रात बताया कि जनवरी से अब तक वायरस के कुल 15 मामले सामने आए हैं। इससे 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर पुणे में भी जीका वायरस के दो महीने में सात और नए मामले सामने आए हैं। इनमें 6 प्रेग्नेंट महिलाएं शामिल हैं।

​​​​​केरल के नए वायरस पर मेडिकल बोर्ड गठित

केरल में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस का सबसे पहला केस 2016 में आया था। इसके बाद 2019, 2020 और 2022 में एक-एक केस मिला था। इन सभी मरीजों की मौत हो गई थी। इस बीमारी में मरीज को बुखार, सिर दर्द, उल्टी और दिमागी दौरे पड़ते हैं।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि नए वायरस को लेकर मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है, जो मामलो पर नजर बनाए हुए है। हालांकि अब तक कोई गाइडलाइन नहीं बनाई गई है। लेकिन वायरस से इलाज के लिए केंद्र सरकार ने दवाइयों की आपूर्ति की है। साथ ही जर्मनी से दवाइयां खरीदी जा रही हैं। इस वायरस के सबसे अधिक 7 केस तिरुवनंतपुरम से सामने आए हैं।

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस वायरस क्या है

इस वायरस को ‘प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ यानी PAM के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस गंदे पानी में पाए जाने वाले प्री-लिविंग अमीबा के कारण होता है। यह नाक की पतली त्वचा से शरीर में घुस जाता है। अमेरिका के सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल के मुताबिक इस वायरस को ब्रेन इटिंग अमीबा भी कहते हैं।

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