रायपुर। शराब घोटाला का सरगना और पूर्व IAS अनिल टुटेजा को उत्तर प्रदेश STF मुख्यालय में रायपुर पुलिस की कस्टडी में पहुचे है। पूर्व IAS को सोमवार को Stf न्यायालय में पेश करेगी। पूर्व IAS शनिवार को ट्रेन से पुलिस कस्टडी में उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुए थे। इस सम्बन्ध में 12 जुलाई को कोर्ट से निर्देश जारी किया गया था। आपको बता दे इससे पहले अनवर ढेबर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ प्रोटेक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर साथ ले जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला मामले में कई अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों को शामिल किया गया है। ईडी के अनुसार 2019 और 2022 के बीच कुछ अनियमितताएं सामने आईं थीं। जब राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब रिटेलर सीएसएमसीएल के अधिकारियों ने डिस्टिलर्स से रिश्वत ली थी। पिछले साल जुलाई में जांच एजेंसी ने मामले में एक चार्जशीट दाखिल किया था। जिसमें दावा किया गया कि 2019 में शुरू हुए कथित ‘शराब घोटाले’ में 2,161 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है।
ईडी के अनुसार यह पैसा राज्य की तिजोरी में जाना चाहिए था। एजेंसी ने यह भी दावा किया कि अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा के नेतृत्व वाले सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘हर एक’ बोतल से अवैध रूप से पैसा कलेक्ट किया गया। नकली होलोग्राम लगी शराब से 20 करोड़ रुपये से अधिक का कमीशन लिया गया। विषु गुप्ता से डुप्लीकेट होलोग्राम की आपूर्ति योजनाबद्ध तरीके से टेंडर दिलवाकर की गई।
पूर्व में इस्तेमाल हो चुके होलोग्राम के नंबर पर ही डुप्लीकेट होलोग्राम बनाए गए। जिसे प्रिज्म होलोग्राम के रायपुर यूनिट के प्रभारी दिलीप पांडेय के माध्यम से अमित सिंह, दीपक दुआरी, प्रकाश शर्मा के सहयोग से सहायक आयुक्त आबकारी जनार्दन कौरव ने डिस्टलरी मालिकों तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई। एपी त्रिपाठी ने इससे 20 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त किए। ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि विकास अग्रवाल उर्फ सिब्बू ने सुमित मालू, रवि बजाज नामक हवाला कारोबारियों के माध्यम से अवैध कमाई को विदेश में भी निवेश कराया है।