नेशनल लोक अदालत में 8.31 लाख प्रकरणों का हुआ निराकरण

रायपुर। राज्य में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर के न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में 13 जुलाई को हुआ। नेशनल लोक अदालत के लिए गठित कुल 605 खंडपीठों द्वारा प्रेषित अंतिम आंकड़ो में 7 लाख 66 हजार 639 प्री- लिटिगेशन प्रकरण तथा 65 हजार 139 लंबित मामलों को मिलाकर कुल 8 लाख 31 हजार 848 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 230 करोड़ 09 लाख 55 हजार 219 रूपये के अवार्ड पारित किए गए।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह- मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राज्य के सभी 23 जिला-सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया और सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद व चर्चा करते हुए लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित करें।

वर्चुअल मोड में निरीक्षण के दौरान मुख्य न्यायाधिपति ने जिला न्यायलय रायगढ़ के एक प्रकरण में जहां एक उम्रदराज पति-पत्नी के मध्य घरेलु हिंसा का विवाद था और वे अलग अलग रह रहे थे और लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिये तैयार हो गये। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा पक्षकारों के प्रयासों की सराहना की गई और दम्पत्ति को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दी गई ।

मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दो खण्डपीठों का भी अवलोकन किया गया और लोक अदालत कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों को निराकृत कराये जाने की बात कही।

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार माननीय उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तिगणों द्वारा भी अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को अधिक से अधिक प्रकरण निराकृत करने के लिये प्रोत्साहित किया गया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश गणों के द्वारा नेशनल लोक अदालत के दिन अपने पोर्टफोलियो जिले में उपस्थित रहना लोक अदालत व्यवस्था की विश्वसनीयता को पारदर्शी व विश्वसनीय बनायेगा और इसे एक नई उंचाई प्रदान करने वाला सिद्ध होगा ।

मुख्य न्यायाधिपति द्वारा सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड से निरीक्षण जहां आधुनिक तकनीक का न्यायालयीन कार्यवाहियों में उपयोग को दर्शाता है, वहीं मुख्य न्यायाधिपति की यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ पक्षकारों में विश्वास सृजित करेगा और लोक अदालत को और विश्वसनीयता और प्रमाणिकता प्रदान करेगा।

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