अंधश्रद्धा में दे दी जान: देवी को खुश करने अधेड़ ने खुद का गला काटकर चढ़ाया

छत्तीसगढ़ के धरसींवा में एक व्यक्ति ने अपना गला काटकर देवी को चढ़ा दिया। अधेड़ ने अपने घर में जंवारा बोया हुआ था, सुबह पूजा- पाठ करने के बाद उसने अपना सर काटकर देवी को अर्पित कर दिया। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई । मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जाता है कि, घटना के वक्त मृतक की पत्नी काम पर गई थी और बच्चे स्कूल गए थे। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, धरसींवा के निनवा गांव निवासी 55 वर्षीय भुनेश्वर यादव ने अपने घर के अंदर स्थित देवस्थान के सामने कैंची से अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद देवस्थान वाला कमरा खून से लथपथ हो गया। यह घटना आज सुबह लगभग 11:00 की बताई जा रही है। घटना कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।

इस मामले में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश मिश्र ने कहा कि कोई भी देवी देवता प्राण की बलि नहीं मांगता है। अगर ईश्वर को आप अपना मानते हैं, तो कोई भी नहीं कहेगा की उसके लिए आप अपनी जान दे दें। ये एक प्रकार का अंधविश्वास है जिससे लोगों को बचना चहिए। इससे पहले भी कई बार ऐसे बातें सामने आई है कि लोग अपनी जीभ, उंगली काट लेते हैं ये सब अंधविश्वास है और इससे लोगों का ही नुकसान है।

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