राजधानी से करीब 110 किमी दूर बार नवापारा अभ्यारण में दूसरे जंगलों से लाकर बाघों को बसाने की दिशा में एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। ग्लोबल टाइगर फोरम के विशेषज्ञों ने मान लिया है कि बार में बाघों के रहवास के लिए स्थिति बेहतर है। बाघ आसानी से अपना शिकार कर सकेगा।
इसके लिए वन विभाग के अफसरों ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन और ग्लोबल टाइगर फोरम के विशेषज्ञों के सामने प्रेजेंटेशन दिया। वन विभाग के अफसरों ने बताया कि बार में 10 हजार से ज्यादा तो हिरण, चीतल और सांभर हैं। बायसन भी 5 हजार से ज्यादा हैं। जंगली सूअर की भी कमी नहीं है। जंगल इतना घना है कि बाघों को यहां सुरक्षित ठिकाना आसानी से मिलेगा। अब ग्लोबल टाइगर फोरम के विशेषज्ञ बार नवापारा में बाघों को बसाने के लिए अंतिम रिपोर्ट तैयार करेंगे।
5 बाघ मिलेंगे बार को
बार नवापारा को 5 बाघ ताड़ोबा नेशनल पार्क से मिलेंगे। इसके लिए ताड़ोबा प्रबंधन की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। 5 बाघ में तीन मादा और दो नर रहेंगे। बार के जंगलों में अभी एक बाघ मौजूद है। वह ओडिशा के जंगलों से करीब 6 माह पहले भटककर यहां आया है।