राम वनगमन पथ में लगी पहली भगवान राम की मूर्ति बदली जाएगी। यह मूर्ति ग्वालियर में तैयार करवाई जा रही है। चंदखुरी में लगी 51 फीट की इस मूर्ति को लेकर शुरू से विवाद उठता रहा है। अब नई मूर्ति भी 51 फीट की ही बनवाई जा रही है। शिवरीनारायण और सीतामढ़ी हरिचौका में जो मूर्ति लगी है वैसी ही मूर्ति अब चंदखुरी के लिए तैयार की जा रही है।
इसको दोनों जगहों पर लगी मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा से बनवाया जा रहा है। पहले यह मूर्ति बिल्हा पत्थर पर बनी थी, अब नई मूर्ति ग्वालियर के ग्वालियर मिंट (सैंड स्टोन) पर बन रही है। दीपक ने बताया कि दो टन के 14 पत्थरों को जोड़कर मूर्ति को आकार दिया जा रहा है। यह पत्थर ग्वालियर के पहाड़ों से मंगवाए गए हैं।
2 महीने में हो जाएगी तैयार, करीब 78 लाख का खर्च आ रहा
मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा बताते हैं कि दो महीने में मूर्ति बनकर तैयार हो जाएगी। इस मूर्ति को बनाने में करीब 78 लाख का खर्च आ रहा है। चेहरे का आकार बन गया है बाकी हाथ-पैर की नक्काशी बाकी है। अभी वे ग्वालियर के लिए ही 35 फीट के भगवान राम और इंदौर के लिए 31 फीट के परशुराम की मूर्ति बना रहे हैं।
शिवरीनारायण की छवि दिखेगी
राम वनगमन पथ में 9 जगहों को चिन्हित किया गया था। इसमें से 7 जगहों चंदखुरी, शिवरीनारायण, सीतामढ़ी हरिचौका, राजिम, चंपारण, नगरी सिहावा, रामगढ़ में मूर्ति लगाई गई है। रामाराम (सुकमा) और तुरतुरिया (बलौदाबाजार) में विकास कार्य किया गया है। चंदखुरी को छोड़कर बाकी 6 जगहों पर 25 फीट की मूर्ति स्थापित की गई है। मूर्तिकार का कहना है कि पुरानी मूर्ति को हटाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि जब इसे स्थापित किया गया था तब भी बड़ी-बड़ी क्रेन लगवाई गई थी। अब हटाने के लिए भी ऐसा ही कुछ करना होगा। इसका आगे क्या करना है यह एजेंसी टीसीआईएल तय करेगी।