छत्तीसगढ़ सोलर लाइट घोटाला: हाईकोर्ट सख्त, मांगी पूरी रिपोर्ट; सितंबर में अगली सुनवाई

Chhattisgarh solar light scam: High court strict, sought full report; next hearing in September

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सोलर लाइट घोटाले को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें सरकार से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।

इस घोटाले में सामने आया है कि बस्तर संभाग के सुकमा, बस्तर, कांकेर, कोंडागांव और जांजगीर-चांपा जिलों में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सोलर स्ट्रीट लाइट्स नहीं लगाई गईं। जांच में पता चला कि 181 गांवों में लाइट गायब हैं, लेकिन ठेकेदारों को पूरा पैसा दे दिया गया। यह मामला मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सामने आया था। खबरों में घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान (Suo Moto) लेकर इसे जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की थी।

6 अगस्त को बनी थी जांच समिति

सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता (Advocate General) ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए 6 अगस्त 2024 को विधानसभा समिति बनाई गई थी। फिलहाल विस्तृत रिपोर्ट आना बाकी है, जिसे अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा।

कोर्ट ने पारदर्शिता पर उठाए सवाल

हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला ग्रामीण विकास योजनाओं की पारदर्शिता और सरकारी तंत्र की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। इसलिए जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद लोगों को उम्मीद है कि दोषियों पर जल्द सख्त कार्रवाई होगी। बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में जहां पहले से ही बिजली की कमी है, वहां सोलर लाइट के नाम पर घोटाला होना बेहद चिंता का विषय है।

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