ACB ने दो पटवारियों को दबोचा, नाम सुधर और नक्शा के लिए मांगी थी रिश्वत

रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो भ्रष्ट पटवारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पहला मामला खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले का है तो दूसरा जांजगीर-चांपा जिले का है।

जानकारी के मुताबिक एसीबी ने खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिले में एक भ्रष्ट पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। पटवारी विवेक परगनिया, जो टोलागांव के किसान किशोर दास साहू से जमीन के कागजात में त्रुटि सुधार के नाम पर 4,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था, को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी पटवारी को अदालत में पेश किया जाएगा।

पटवारी विवेक परगनिया, प्रकाशपुर हल्का नंबर 11 में पदस्थ था और किसान किशोर दास साहू से रिश्वत की मांग कर रहा था। जब किसान ने रिश्वत देने से इंकार किया तो पटवारी उसे लगातार चक्कर लगवा रहा था। परेशान किसान ने रायपुर स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के सत्यापन के बाद, एसीबी की आठ सदस्यीय टीम ने खैरागढ़ पहुंचकर ग्राम प्रकाशपुर में कार्रवाई की और पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी पटवारी, जो रायपुर के ममता नगर का निवासी है, को खैरागढ़ व्यवहार न्यायालय में पेश किया जाएगा।

जमीन का नक्शा काटने मांगी घुस

वहीँ दूसरे मामले में ग्राम पनगांव, तहसील पामगढ़, जिला जांजगीर-चांपा के निवासी संजय कुमार खुंटे ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। संजय कुमार ने बताया कि वह ग्राम पनगांव में स्थित 25 डिसमिल जमीन का नक्शा कटवाने के लिए पटवारी विजय लहरे से संपर्क कर रहा था, जिसने 3,500 रुपये रिश्वत की मांग की थी। संजय कुमार ने रिश्वत देने की बजाय एसीबी को सूचना दी और योजना बनाकर पटवारी विजय लहरे को उसके कार्यालय में 3,500 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।

दोनों पटवारियों से ग्रामीण थे परेशान

दोनों मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि दोनों गांवों के ग्रामवासी भ्रष्ट पटवारियों से परेशान थे और एसीबी की इस कार्रवाई से उन्हें राहत मिली है। भारी संख्या में ग्रामवासी एसीबी कार्यालय में उपस्थित होकर अपने समर्थन और आभार व्यक्त कर रहे थे।
एंटी करप्शन ब्यूरो की यह त्वरित कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे आम जनता में विश्वास बढ़ेगा। दोनों मामलों में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को भी सबक मिलेगा।

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