Amrit Sarovar Yojana: 124 गांवों रोजगार व मछली पालन को बढ़ावा, ग्रामीणों में बढ़ी खुशहाली

छत्तीसगढ़ के 124 तालाबों में अब सालभर पानी भरा रहता है, जिससे ग्रामीणों और किसानों को जल संकट से मुक्ति मिली है। इस योजना से किसानों को न केवल सिंचाई के लिए पानी मिला, बल्कि तालाबों में मछली पालन के माध्यम से उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।

मनरेगा के तहत तालाबों के गहरीकरण और पुनर्निर्माण के काम में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। तालाबों की खुदाई और गहरीकरण के दौरान ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से तालाबों का विकास किया, जो अब उन्हीं के लाभ के लिए काम आ रहे हैं।

मछली पालन को बढ़ावा
तालाबों के पुनर्निर्माण के बाद अब मछली पालन का काम तेजी से बढ़ रहा है। इस योजना के तहत किसानों और ग्रामीणों को मछली पालन का प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उनकी आय के नए साधन खुल गए हैं। मछली पालन से किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
सफलता की कहानी चौहा में
बिलासपुर जिले के चौहा ग्राम में अमृत सरोवर योजना के तहत एक पुराने और रेत से भरे तालाब का गहरीकरण किया गया। इस परियोजना पर 9.78 लाख रुपये खर्च किए गए, जिसमें से 8.93 लाख रुपये मजदूरी और 0.84 लाख रुपये सामग्री पर खर्च किए गए। अब यह तालाब सालभर पानी से भरा रहता है, जिससे किसानों को सिंचाई में मदद मिल रही है और ग्रामीण मछली पालन के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
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